1 घंटे का सफर 16 मिनट में, हर घंटे 6000 यात्री… वाराणसी में रोप-वे की सौगात

राष्ट्रीय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वाराणसी में 1780 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. इसमें रोप-वे भी शामिल है. यह रोप वे वाराणसी कैंट स्टेशन से गोदौलिया तक होगा. इस परियोजना की लागत लगभग 645 करोड़ रुपये होने का अनुमान है. 5 स्टेशन वाले इस रोप वे की लंबाई 3.75 किलोमीटर होगी. रोप वे बनने से काशी विश्वनाथ कॉरिडोर तक की यात्रा काफी आशान हो जाएगी.

पहले फेज में रोप-वे वाराणसी रेलवे स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक होगा. भीड़-भाड़ वाले इलाके में इस रोप-वे बन जाने से काशी विश्वनाथ मंदिर, दशाश्वमेध घाट जाना आसान हो जाएगा. खास बात ये है कि रोप वे बनने से 3.8 किलोमीटर का सफर 16 मिनट में तय होगा. अभी इस रास्ते पर जाने के लिए लोगों को घंटों तक जाम से सड़कों पर जूझना पड़ता है.

हर घंटे 6000 यात्री करेंगे यात्रा

बताया जा रहा है कि रोप वे 50 मीटर की ऊंचाई पर बनाया जाएगा. इसमें करीब 150 ट्राली कार चलेंगी. एक ट्राली में 10 पैसेंजर बैठ पाएंगे. हर डेढ़ से दो मिनट में यात्रियों के लिए ट्रॉली होगी.ऐसे में हर घंटे दोनों दिशा में करीब 6000 यात्री यात्रा कर सकेंगे. रोप वे दिन में 16 घंटे चलेगा. रोप-वे का काम अगले दो साल में पूरा हो जाएगा.

बड़ी बात ये है कि बोलीविया की राजधानी ला पाज और मेक्सिको के बाद भारत तीसरा देश और वाराणसी पहला शहर होगा, जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोप-वे का इस्तेमाल किया जाएगा. रोप-वे की कुल दूरी 3.8 किलोमीटर होगी, जिसमें वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन, काशी विद्यापीठ, रथयात्रा, गिरजाघर और गोदौलिया चौराहे पर पांच स्टेशन बनाए जाएंगे.

वाराणसी में इसकी जरूरत है इस लिहाज से भी है क्योंकि यहां पर इन इलाकों में भारी जाम की समस्या होती है, 10 मिनट के रास्ते के लिए 1 घंटे तक लोगों को सड़कों पर जूझना पड़ता है, ऐसे में रोप वे लोगों का समय बचाएगा.

वहीं, इन स्टेशन पर काशी की कला, संस्कृति और धर्म की झलक देखने को मिलेगी. रोप-वे वाराणसी में पर्यटन का भी एक बड़ा केंद्र बनेगा, जो सीधे काशी विश्वनाथ मंदिर को जोड़ने का काम भी करेगा. वाराणसी में पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद करीब एक साल में 9 करोड़ भक्त पहुंचे हैं.

दूसरी तरफ 2 साल में बनने वाले इस प्रोजेक्ट की लागत 644 करोड़ रुपए आएगी. वैसे तो रोप वे हिल स्टेशन में देखा जाता है, लेकिन यह पहला रोप-वे होगा जिसे देश में अर्बन ट्रांसपोर्ट के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.