दुर्ग में 100 प्रतिशत हेलमेट अनिवार्य, ट्रैफिक नियम तोड़ा तो होगी कार्रवाई

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आज से दुर्ग पुलिस हेलमेट को लेकर सख्ती से पेश आएगी। एसपी ने जिले में 100 प्रतिशत हेलमेट अनिवार्य कर दिया है। 18 जनवरी से कोई बिना हेलमेट गाड़ी चलाते हुए पाया जाता है तो उसका चालान होना तय है। ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक दुर्ग जिले में हर दिन लगभग डेढ़ से दो लाख मोटर साइकिल चालक हाईवे या शहर की सड़कों से होकर गुजरते हैं।

इनमें से मात्र 7-10 प्रतिशत ही हेलमेट पहनकर बाइक चला रहे हैं। इसमें भी 5 प्रतिशत महिलाएं या वयस्क पुरुष हैं। सबसे अधिक खतरा युवाओं के साथ है। युवा बिना हेलमेट के तेज रफ्तार बाइक लेकर काफी स्पीड में निकलते हैं। इससे वे न सिर्फ अपनी बल्कि दूसरे लोगों की भी जान जोखिम में डालते हैं।

दुर्ग एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया जिले में जितनी भी बाइक चालक की सड़क दुर्घटना में मौतें हुई हैं। उसमें यही देखने को मिला है कि उन्होंने हेलमेट नहीं लगाया था। इससे उनके सिर में गंभीर चोट आई और उसकी मौत हुई। यदि वो हेलमेट पहने होते तो उनकी जान बच जाती।

दुर्घटना में हेलमेट नहीं मिला तो जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई
एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने कहा उनकी कार्रवाई केवल बिना हेलमेट बाइक चलाने वालों तक ही सीमित नहीं रहेगी। वो सड़क दुर्घटना में इसकी गंभीरता से जांच करेंगे। अगर सड़क दुर्घटना में किसी बाइक चालक की मौत होती है या वो गंभीर रूप से घायल होता है तो देखा जाएगा कि उसने हेलमेट पहना है या नहीं। उसने हेलमेट नहीं पहना है तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस देखेगी की बाइक चालक स्कूल, कॉलेज या किस संस्थान या घर से निकला है। इसके बाद उसे नोटिस जारी कर कार्रवाई की जाएगी।

सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान हुई थीं तीन मौतें
सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान ही सड़क दुर्घटना में तीन दो पहिया वाहन चालकों की मौत हुई। इसमें देखने में आया कि उन्होंने हेलमेट नहीं पहना था। पहला एक्सीडेंट नेहरू नगर ओवर ब्रिज के ऊपर एक वकील की हुई। दूसरी मौत पाटन में स्वामी आत्मानंद स्कूल के 12वीं के छात्र की हुई थी और तीसरी मौत छावनी थाना अंतर्गत हुई थी। इन तीनों सड़क दुर्घटनाओं में दो पहिया वाहन चालकों ने हेलमेट नहीं पहना था।