गुजरात में जहरीली शराब पिने 24 की मौत;, 40 से अधिक अस्‍पताल में भर्ती

राष्ट्रीय

गुजरात में जहरीली शराब से मरने वालों का आंकड़ा 24 पहुंच गया है। बोटाद के बरवाला के अलावा मरने वालों में अहमदाबाद के 4 लोग भी शामिल हैं। रविवार रात को बोटाद में जहरीली शराब पीने के बाद करीब 4 दर्जन लोगों की तबीयत खराब हुई जिन्हें सोमवार सुबह अस्पताल में भर्ती कराया गया।

शाम होते-होते जहरीली शराब के कारण लोगों के मरने की खबर आने लगी। भावनगर रेंज आईजी अशोक यादव ने इस घटना की जांच के लिए एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया है। पुलिस उपाधीक्षक इसका नेतृत्व करेंगे।

विधानसभा से पूर्व हुई इस जहरीली शराब कांड के कारण विपक्ष में सत्ताधारी भाजपा पर सीधे भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा है कि गांधी जी के गुजरात में शराबबंदी होने के बावजूद गांव-गांव में अवैध शराब के अड्डे खुल गए हैं।

नेता व पुलिस अधिकारी की मिलीभगत के कारण अवैध शराब का कारोबार चल रहा है। भावनगर के रेंज आईजी अशोक यादव ने जांच के लिए एफएसएल की टीम को भी गांधीनगर से बुलाया है एफएसएल की टीम शराब के नमूने लेकर उसमें मिलाए गए केमिकल की जांच करेगी। घटना की जानकारी के बाद एटीएस के डीआईजी दीपेन भद्रन भी बरवाला के रोजिद गांव पहुंचे।’

भावनगर से बरवाला पहुंचे पुलिस अधीक्षक सुनील जोशी अपने साथ अन्य पुलिस अधिकारियों के अलावा एंबुलेंस आदि भी लेकर गए रात को ही बरवाला के अस्पताल में भर्ती बीमार लोगों को भावनगर के सिविल अस्पताल पहुंचाया गया।

धंधुका के विधायक राजेश गोहिल ने दावा किया है कि अहमदाबाद जिले की दम डूबा तहसील के कई गांव में अब तक एक दर्जन लोगों की मौत हुई है तथा दो दर्जन लोगों की हालत खराब है।

उधर पुलिस ने गांव में देसी शराब बनाने वाले आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है ऐसा कहां जा रहा है कि बोटाद नबुई चौकड़ी के पास एक मकान में अवैध देसी शराब का कारोबार चलता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल भी गुजरात दौरे पर हैं तथा उन्होंने इस शराब कांड पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि गुजरात में शराबबंदी है।इसके बावजूद ऐसी घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण है। शराबबंदी होने के बावजूद सब लोग जानते हैं कि राज्य में अवैध रूप से शराब बिकती है लेकिन सवाल यह है कि किन लोगों के संरक्षण में अवैध शराब का कारोबार बेधड़क चलता है।