भीम आर्मी नेता चंद्रशेखर पर हमला करने वाले चार हमलावरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. हमलावरों को पुलिस ने अंबाला से गिरफ्तार किया. बताया गया है कि चंद्रशेखर पर हमला करने वाले अंबाला कोर्ट में सरेंडर करने की तैयारी में थे. पकड़े गए हमलावरों में तीन देवबंद के ग्राम रणखंडी के रहने वाले बताए जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि इनमें एक युवक वह हैं, जिसने एक जेलर पर भी हमला किया था. वह 15 दिन पहले ही जेल से छूटा है. एसएसपी जल्द मामले का खुलासा कर सकते है.
चंद्रशेखर आजाद ने खुद बताई थी आपबीती
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद को 29 जून को अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी. उनकी कार पर अज्ञात बदमाशों ने फायरिंग की थी, जिसमें वह घायल हो गए थे. इस मामले में पुलिस ने हमलावरों के गाड़ी बरामद कर चार लोगों को गिरफ्तार भी किया था. भीम आर्मी चीफ ने हमले की पूरी कहानी बयां की थी.
चंद्रशेखर ने कहा था कि मैं दिल्ली से वापस आ रहा था. वहां एक साथी कार्यकर्ता की माताजी की मौत हो गई थी. इसके बाद मुझे एक संत की मृत्यु होने पर उनके अंतिम दर्शन में जाना था. देवबंद में जिस समय मुझ पर हमला हुआ, मैं अपनी कार में फोन चला रहा था. अचानक गोली चली और शीशे से टकराई. इससे शीशा टूट गया. मुश्किल से 20 सेकेंड के अंदर 3 से 4 गोली चलीं. जिस गाड़ी से गोली चल रही थीं, वह मुझसे पीछे चल रही थी.
उन्होंने बताया था कि हमलावरों की गाड़ी करीब 5 से 10 मीटर दूर पर खड़ी हो गई थी और उसे एक लड़का झूलता हुआ निकला वह मुझ पर फायरिंग कर दी. इस बीच मेरा ड्राइवर मनीष गाड़ी आगे बढ़ाता रहा और यू-टर्न ले लिया. लेकिन हमलावरों को जब पता चला कि मैं जिंदा हूं तो उन्होंने फिर से मेरे ऊपर फायरिंग की. मनीष ने गांव में ले जाकर गाड़ी रोकी और वहां से पुलिस अधिकारियों को फोन किया. फिर मैंने गाड़ी में बुलेट देखी और मुझे भी उस समय गोली लगी हुई थी तो मुझे अस्पताल ले जाया गया.
कौन हैं हमलावर?
भीम आर्मी चीफ ने कहा था कि मेरे मन में भी उत्सुकता है यह जानने की कि कौन मुझे मारना चाहता है और मेरे मरने से किसे लाभ है. गाड़ी जहां से बरामद हुई है, वह गुर्जर समाज का गांव है और मुझे लगता है कि वह दलित और गुर्जरों में झगड़ा करवाना चाहते थे. अगर मैं अपील नहीं करता तो परिणाम कुछ और हो सकता था.
क्योंकि मेरे साथी मेरे लिए जान देने के लिए तैयार हैं. आज की सरकारें, सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स और मुकदमों से डराते हैं और इन सब से मुझे तो नहीं डराया जा सकता है. क्योंकि कई सारे मुकदमे मेरे ऊपर हैं. मैं जेल भी जा चुका हूं तो बस एक गोली का डर रहा था. वह गोली भी मेरे ऊपर चलवा दी.