‘बस्तर फाइटर्स’ के लिए चुने गए 2100 कांस्टेबल में 9 ट्रांसजेंडर

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छत्तीसगढ़ पुलिस की एक स्पेशल यूनिट ‘बस्तर फाइटर्स’ के लिए चुने गए 2100 कांस्टेबलों में से 9 ट्रांसजेंडर हैं, जिन्हें माओवाद (नक्सल) प्रभावित बस्तर रेंज में तैनात किया जाएगा. एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि पहली बार राज्य पुलिस ने बस्तर रेंज में तैनाती के लिए ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की भर्ती की है. उनका मानना ​​​​है कि ये कदम आदिवासी बहुल क्षेत्र में पुलिसिंग में एक नया आयाम जोड़ देगा.

पुलिस महानिरीक्षक (बस्तर रेंज) सुंदरराज पी ने बधाई देते हुए कहा कि बस्तर रेंज में पहली बार ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को पुलिस में शामिल किया जाएगा. हमें विश्वास है कि ट्रांसजेंडर्स का बस्तर रेंज में चयन, क्षेत्र में पुलिसिंग के लिए एक नया आयाम जोड़ देगा. ‘बस्तर फाइटर्स’ में चयनित हुए इन 9 ट्रांसजेंडर्स में से 8 कांकेर जिले से और एक बस्तर जिले से है.

आईजीपी ने कहा, ‘हम थर्ड जेंडर पुलिस कर्मियों को काम का अनुकूल माहौल और सुविधाएं मुहैया कराने की कोशिश करेंगे, ताकि उन्हें फोर्स के भीतर किसी तरह का भेदभाव महसूस न हो.’ आईपीएस अधिकारी ने कहा कि वे ड्यूटी पर शामिल होने से पहले पुलिस प्रशिक्षण स्कूल माणा, रायपुर में ट्रेनिंग लेंगे. छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने स्थानीय युवाओं की विशेष रूप से भर्ती के लिए एक अलग ‘बस्तर फाइटर्स’ की स्थापना करने का फैसला लिया था, जो क्षेत्र की संस्कृति, भाषा, इलाके से परिचित हैं और आदिवासियों के साथ उनका रिश्ता है और नक्सल आंदोलन के खिलाफ लड़ाई में लिंचपिन बनाते हैं.

7 जिलो में 2100 पदों की मंजूरी

बस्तर रेंज के सभी 7 जिलों में 300-300 पदों पर भर्ती के लिए 2100 पदों को मंजूरी दी गई थी. इन जिलों में बस्तर, दंतेवाड़ा, कांकेर, बीजापुर, नारायणपुर, सुकमा और कोंडागांव शामिल हैं. अधिकारियों ने बताया कि कांस्टेबलों के 2,100 पदों के लिए कुल 53,336 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 15,822 महिलाओं और 16 थर्ड जेंडर उम्मीदवार शामिल थे.

बस्तर में शांति के लिए नई यूनिट का गठन

बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज ने बताया कि शारीरिक और लिखित परीक्षा सहित भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के बाद सोमवार को 9 ट्रांसजेंडर समेत 2100 कर्मियों की चयन सूची जारी की गई. उन्होंने कहा कि ‘बस्तर फाइटर्स’ की भर्ती ने क्षेत्र के युवाओं के लिए बस्तर की शांति और विकास के लिए सक्रिय रूप से योगदान करने के लिए नए रास्ते खोले हैं.

बस्तर फाइटर्स में चयनित होने पर एक ट्रांसजेंडर रत्नू राम (25) ने कहा कि मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं एक पुलिस वाली बनूंगी. समाज और परिवारों में बाधाओं का सामना करने के बावजूद मैं सफल हुई. रामू ने कहा कि चयन ने न केवल हाशिए पर पड़े समुदाय का विश्वास बढ़ाया है, बल्कि यह ट्रांसजेंडरों के प्रति समाज की धारणा को भी बदलेगा. कांकेर कस्बे के पास कोकपुर गांव की रहने वाली राम ने पिछले साल परिवार के सदस्यों के साथ लड़ाई के बाद अपना घर छोड़ दिया था और रायपुर शिफ्ट हो गई थी और अन्य ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के साथ रहने लगी थी.

बीते साल पुलिस में हुआ था 13 का चयन

रामू ने बताया कि उसने कांकेर कॉलेज से अपनी कला स्नातक की डिग्री पूरी की और एनसीसी में भी थी. दोस्त और ट्रेनर भी ताना मारते थे और जब मैंने बस्तर फाइटर्स के लिए अप्लाई किया था तो मेरे गांव के लोग मुझ पर हंसते थे, लेकिन जब मैंने फिजिकल टेस्ट क्लियर किया तो एक बदलाव हुआ और सभी ने मेरी तारीफ करनी शुरू की. छत्तीसगढ़ पुलिस ने पहली बार पिछले साल ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को कांस्टेबल के रूप में भर्ती किया था. बल में शामिल किए गए 13 ट्रांसजेंडर व्यक्तियों में से आठ रायपुर जिले के थे, दो राजनांदगांव के थे जबकि एक-एक बिलासपुर, कोरबा और सरगुजा जिले के थे.