दिल्ली में अफगान विदेश मंत्री का तालिबानी फरमान, प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकार बैन
तालिबानी विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी ने शुक्रवार को अफगान दूतावास में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, इस दौरान 20 पत्रकार मौजूद थे, लेकिन इनमें एक भी महिला पत्रकार नहीं थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुत्तकी के साथ आए तालिबान अधिकारियों ने ही ये तय किया था कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में कौन शामिल होगा। हालांकि, भारतीय अधिकारियों ने सुझाव दिया था कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकार भी होनी चाहिए, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया। फिलहाल, यह साफ नहीं है कि तालिबान ने भारत को पहले बताया था या नहीं कि वे महिला पत्रकारों को नहीं बुलाएंगे। कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वे हमारी जमीन महिलाओं के खिलाफ भेदभाव का एजेंडा रखने वाले कौन होते हैं?
अमीर खान मुत्तकी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि बगराम एयरबेस किसी को नहीं देंगे। उन्होंने ये भी कहा कि अफगानिस्तान अपनी जमीन का इस्तेमाल किसी देश के खिलाफ नहीं होने देगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले महीने कहा था कि वे अफगानिस्तान में अमेरिका का बनाया हुआ बगराम एयरबेस वापस चाहते हैं। अगर ऐसा नहीं किया गया तो गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। मुत्तकी ने कहा कि अफगान लोग कभी अपनी जमीन पर विदेशी सेना को स्वीकार नहीं करेंगे। अगर कोई देश अफगानिस्तान के साथ संबंध बनाना चाहता है, तो डिप्लोमेटिक तरीके से आए, मिलिट्री वर्दी में नहीं।
Afghan Foreign Minister of Taliban Amir Khan Muttaqi addressing press conference in New Delhi at Afghanistan Embassy. Sadly not a single female journalist was allowed in the presser. I raised the issue with the security staff at the Embassy Gate but they did not listen. pic.twitter.com/mu1sCWiIYl
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) October 10, 2025
मुत्तकी ने भारत और अफगानिस्तान के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रिश्तों का भी जिक्र किया। उन्होंने भारत को करीबी दोस्त बताया, जो मुश्किल वक्त में अफगानिस्तान के साथ खड़ा रहा। हाल ही में हेरात प्रांत में आए भूकंप के बाद भारत ने सबसे पहले मानवीय मदद भेजी थी। उन्होंने कहा- भारत ने सबसे पहले मदद की। हम भारत को करीबी दोस्त मानते हैं। मुत्तकी ने भारत को अफगानिस्तान के खनिज और एनर्जी सेक्टर में इन्वेस्टमेंट करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के संसाधनों का रास्ता तालिबान से होकर जाता है और वे भारत के साथ काम करना चाहते हैं।
