बिलासपुर : महिलाओं-बच्चों का ब्रेनवॉश करने का आरोप, मकान में चल रही प्रार्थना-सभा, हिंदूवादी संगठनों का हंगामा
छत्तीसगढ़ : बिलासपुर में धर्मांतरण को लेकर एक बार फिर बवाल हुआ है। 12 नवंबर को यहां धर्मांतरण के 2 अलग-अलग मामले सामने आए है। हिंदूवादी संगठनों ने SECL के ड्राइवर पर धर्मांतरण कराने का आरोप लगाया है। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा मचाया। दूसरा मामला पचपेड़ी थाना क्षेत्र के कुकुर्दीखुर्द गांव का है, जहां संजय डांडेकर और रिरिक लहसकर पर हिंदू महिलाओं और बच्चों को बहलाने का आरोप लगा है। जानकारी के अनुसार, राजेंद्र खरे ने अपने घर पर सोमवार शाम एक प्रार्थना सभा आयोजित की थी। स्थानीय हिंदूवादी संगठनों को सूचना मिली कि सभा में हिंदू धर्म के लोगों को “गुमराह कर धर्मांतरण के लिए प्रेरित” किया जा रहा है।
संगठन के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और खिड़की से अंदर का दृश्य देखने पर दावा किया कि सभा में मौजूद लोगों को हिंदू देवी-देवताओं के बारे में अपमानजनक बातें बताई जा रही थीं। सूचना पर पुलिस पहुंची और राजेंद्र खरे को थाने ले जाकर पूछताछ की। छत्रपाल साहू नामक कार्यकर्ता की शिकायत पर पुलिस ने राजेंद्र खरे के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज किया है।
इसी दिन कुकुर्दीखुर्द गांव में संजय डांडेकर के घर पर भी प्रार्थना सभा चल रही थी। हिंदू संगठनों को सूचना मिली कि वहां ग्रामीणों को प्रलोभन देकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए कहा जा रहा है। पुलिस जब मौके पर पहुंची, तो कमरे में महिलाएं, पुरुष और बच्चे बाइबिल लेकर प्रार्थना करते दिखे। हंगामे की स्थिति बनते ही पुलिस ने कार्यक्रम बंद कराया। बाद में नारायण पटेल की रिपोर्ट पर पुलिस ने संजय डांडेकर और रिरिक लहसकर के खिलाफ धारा 295A और धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम की धारा 3(5) के तहत मामला दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
पचपेड़ी थाना प्रभारी ने बताया कि दोनों मामलों में जांच जारी है। दोनों स्थानों पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है ताकि किसी प्रकार की सांप्रदायिक तनाव की स्थिति न बने। फिलहाल माहौल नियंत्रण में है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी प्रकार की अवैध धार्मिक गतिविधि या उकसावे की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
