इथियोपिया में ज्वालामुखी फटा, राख का 15km ऊंचा गुबार उठा, 4300km दूर दिल्ली पहुंचा,  एयरलाइंस ने की कई उड़ानें रद्द

इथियोपिया का हेली गुब्बी ज्वालामुखी 12 हजार साल बाद अचानक रविवार को फट गया। इस विस्फोट से उठने वाली राख और सल्फर डाइऑक्साइड करीब 15 किमी ऊंचाई तक पहुंच गई। यह लाल सागर पार करते हुए यमन और ओमान तक फैल गई। सोमवार रात करीब 11 बजे यह राख इथियोपिया से 4300 किमी दूर दिल्ली के आसमान पर भी छा गई थी। अब यह राख भारत पर से हट गई है और चीन की तरफ बढ़ रही है। इंडिया मेट स्काई वेदर अलर्ट ने इसके बारे में जानकारी दी है। इस गुबार की वजह से एअर इंडिया ने अपनी 11 उड़ानें रद्द करने कर दी थी। एक्सपर्ट्स ने बताया था कि इस गुबार की ऊंचाई इतनी ज्यादा थी कि आम लोगों की जिंदगी पर इसका असर काफी कम हुआ।

यह विस्फोट अफार इलाके में हेली गुब्बी ज्वालामुखी में हुआ। यह इतना पुराना और शांत ज्वालामुखी था कि आज तक इसका कोई रिकॉर्ड नहीं था। इस घटना में किसी की मौत नहीं हुई, लेकिन यमन और ओमान की सरकार ने लोगों को सावधानी बरतने को कहा है, खासकर जिन्हें सांस की तकलीफ रहती है। आसमान में फैले राख की वजह से हवाई जहाजों को भी दिक्कत हो रही थी। राख की वजह से दिल्ली-जयपुर जैसे इलाकों में उड़ानों पर नजर रखी जा रही थी। राख के कण इंजन को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इस लिए इंटरनेशनल एविएशन प्रोटोकॉल के तहत सतर्कता बरती जा रही थी।

भारत के DGCA (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) ने एयरलाइनों के लिए डिटेल गाइडलाइंस जारी की थी। हालांकि राख बहुत ऊंचाई पर थी, इसलिए टेकऑफ और लैंडिंग में कोई बड़ा खतरा नहीं था। DGCA ने कहा था कि अगर किसी विमान को राख के संपर्क में आने का जरा भी संदेह हो, जैसे इंजन की परफॉर्मेंस में गड़बड़ी, केबिन में धुआं या बदबू तो एयरलाइन को इसकी जानकारी तुरंत देनी होगी। अगर राख एयरपोर्ट ऑपरेशन को प्रभावित करती है, तो संबंधित एयरपोर्ट को रनवे, टैक्सीवे और एप्रन की तुरंत जांच करनी होगी।

DGCA ने सभी एयरलाइंस और एयरपोर्ट को चेतावनी दी थी कि वे सावधानी बरतेंज्वालामुखी की राख के कारण अकासा एयर, इंडिगो और KLM ने कई उड़ानें रद्द की थीं

वैज्ञानिकों ने हजारों साल बाद ज्वालामुखी फटने की घटना को इस क्षेत्र के इतिहास की सबसे असाधारण घटनाओं में से एक बताया है।

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