बिहार की महिला अफसर के ठिकानों पर छापा.. नकद, जेवर, जमीन करोड़ों की संपत्ति का हुआ खुलासा

बिहार प्रशासनिक सेवा (2011 बैच) की अधिकारी श्वेता मिश्रा के खिलाफ गुरुवार को विशेष निगरानी इकाई (SVU) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पटना, कटिहार और उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित उनके ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की. इस छापेमारी में अकूत संपत्ति का खुलासा हुआ है, जिसमें नकद राशि, सोने-चांदी के जेवरात, बैंक में निवेश, जमीन-जायदाद और आलीशान मकानों के दस्तावेज शामिल हैं. SVU की कार्रवाई श्वेता मिश्रा पर दर्ज भ्रष्टाचार के पुराने आरोपों की जांच के तहत की गई. अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और आईपीसी की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें उन पर 80 लाख रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति अर्जित करने का आरोप है एसवीयू की टीमों ने अलग-अलग जगहों पर दबिश देकर जो सामान बरामद किया, उसमें 6.51 लाख रुपये नकद, करीब 16 लाख रुपये के जेवरात, 20 लाख रुपये से ज्यादा की बैंक एफडी और निवेश, तथा कई शहरों में जमीन खरीद के दस्तावेज शामिल हैं. इसके अलावा श्वेता मिश्रा की एक आलीशान कोठी प्रयागराज के सदर तहसील में मिली, जिसकी आंतरिक साज-सज्जा पर ही करीब 30 से 35 लाख रुपये खर्च किए गए हैं.

पटना के शेखपुरा स्थित एजी कॉलोनी के आराध्या मेंशन में उनका एक फ्लैट (नंबर 202) भी मिला, जो पूरी तरह से उनके नाम पर है. वहीं गाजियाबाद के नूरसराय में एक और फ्लैट और राजनगर एक्सटेंशन की गौरस हाई स्ट्रीट मार्केट में जी-14 नंबर की एक शॉपिंग स्पेस भी उनके नाम पर पाई गई. SVU की चार टीमें गुरुवार सुबह एक साथ सक्रिय हुईं और कटिहार के मनिहारी स्थित लोक शिकायत निवारण कार्यालय, मिरचाबारी इलाके में किराये के आवास, पटना के एजी कॉलोनी फ्लैट और प्रयागराज के संगम वाटिका स्थित टाइप-2 आवास संख्या-144 पर छापा मारा.

प्रयागराज में मिले मकान की भव्यता अधिकारियों को भी हैरान कर गई. फर्श से लेकर छत तक महंगे इंटीरियर और साज-सज्जा वाले इस घर पर लाखों रुपये का खर्च स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा था. छापेमारी के दौरान श्वेता मिश्रा के पास से कई शहरों में खरीदी गई जमीनों के कागजात भी बरामद किए गए हैं. इन सभी संपत्तियों की बाजार कीमत और रजिस्ट्री मूल्य की जांच SVU की टीम कर रही है. जांच के बाद इन संपत्तियों की कुल कीमत करोड़ों में पहुंचने की संभावना है.

एसवीयू के अनुसार, प्रारंभिक जांच में यह पाया गया कि श्वेता मिश्रा ने अपनी सेवा अवधि के दौरान करीब 84.34% संपत्ति अपने ज्ञात स्रोतों से अधिक अर्जित की है. प्राथमिकी में पहले ही 80 लाख से अधिक की संपत्ति का उल्लेख था, लेकिन छापेमारी के बाद सामने आई संपत्तियों की कुल कीमत इससे कहीं अधिक मानी जा रही है.

श्वेता मिश्रा पहले भी विवादों में रही हैं. रोहतास, भोजपुर, पटना और डेहरी जैसे जिलों में विभिन्न पदों पर रहते हुए उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. भोजपुर के आरा में भूमि सुधार उपसमाहर्ता (DCLR) के रूप में तैनाती के दौरान भी उनके खिलाफ कई शिकायतें हुई थीं. यह भी सामने आया है कि महिला आयोग में भी उनके खिलाफ शिकायत की जा चुकी है.

 

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