भारतीय कोच गंभीर बोले- सिर्फ शतक नहीं, जीत जरूरी, बुमराह 3 ही टेस्ट खेलेंगे

लीड्स टेस्ट हारने के बाद भारतीय कोच गौतम गंभीर ने कहा है कि सिर्फ शतक नहीं, जीत मायने रखती है। उन्होंने यह बात पंत के शतकों के सवाल पर कही। गेंदबाजों के प्रदर्शन पर गंभीर ने कहा- ‘भारत के युवा गेंदबाजों को समय देना होगा।’ उन्होंने शुभमन गिल की कप्तानी और जसप्रीत बुमराह की गेंदबाजी की तारीफ की। भारत को इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में 5 विकेट की हार झेलनी पड़ी थी। टीम ने आखिरी दिन 371 रन का मुश्किल टारगेट सेट किया, जिसे इंग्लिश टीम ने 5 विकेट पर हासिल कर लिया।

व्यक्तिगत प्रदर्शन अच्छा है, लेकिन जीत सबसे बड़ी चीज ऋषभ पंत के दो शतकों पर जब सवाल पूछा गया, तब गंभीर ने कहा, इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में तीन और शतक भी लगे हैं। वह भी बड़े पॉजिटिव हैं, लेकिन सिर्फ शतक नहीं, जीत ज्यादा मायने रखती है। यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल (कप्तान के रूप में पहला टेस्ट), केएल राहुल और पंत इन पांच बल्लेबाजों के शतक पॉजिटिव बात हैं। जसप्रीत बुमराह के सवाल पर गौतम गंभीर ने साफ किया है कि तेज गेंदबाज बुमराह का पांच विकेट लेना शानदार था। हम अपनी योजना नहीं बदलेंगे। बुमराह के वर्कलोड को संभालना जरूरी है, क्योंकि आगे और भी क्रिकेट है। गंभीर ने युवा गेंदबाजों पर भरोसा जताते हुए कहा, हमने जो टीम चुनी है, वो विश्वास के साथ चुनी है, न कि उम्मीद के भरोसे। हम मानते हैं कि ये गेंदबाज बेहतर करेंगे। इस टेस्ट में भी हम चार दिन तक अच्छी स्थिति में थे। गंभीर ने कहा, भारत के युवा तेज गेंदबाजों को समय और अनुभव देना जरूरी है। बुमराह को छोड़कर कोई भी गेंदबाज ज्यादा प्रभावी नहीं दिखा। प्रसिद्ध कृष्णा, सिराज और शार्दुल ठाकुर लाइन-लेंथ में लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके।

उन्होंने आगे कहा, पहले हमारे पास चार ऐसे तेज गेंदबाज होते थे, जिनके पास 40 से ज्यादा टेस्ट का अनुभव होता था। अनुभव टेस्ट क्रिकेट में बहुत मायने रखता है, खासकर विदेशी दौरों में। अगर हर टेस्ट के बाद गेंदबाजों को आंकेंगे, तो हम तेज गेंदबाजी यूनिट कैसे बनाएंगे। प्रसिद्ध कृष्णा के पास बेहतरीन टेस्ट गेंदबाज बनने के सारे गुण हैं। शार्दुल को कम गेंदबाजी करने के पीछे गंभीर ने कप्तान के फैसले को सही ठहराया। वे बोले कभी-कभी कप्तान परिस्थितियों के अनुसार स्पिनर को प्राथमिकता देता है। निचले क्रम की बल्लेबाजी पर गंभीर ने कहा भारत की दोनों पारियों में निचले क्रम के बल्लेबाज जल्दी आउट हो गए जिससे बड़ी बढ़त नहीं बन पाई। भारत ने पहली पारी में 41 रन बनाने में आखिरी 6 विकेट गंवा दिए। जबकि दूसरी पारी में 31 रन में 5 विकेट गंवा दिए। ऐसा नहीं कि उन्होंने कोशिश नहीं की, लेकिन कभी-कभी प्लेयर्स फेल हो जाते हैं। यह सामान्य बात है।

उन्होंने आगे कहा, अगर हम पहली पारी में 570-580 तक पहुंच जाते, तो मैच पर पकड़ मजबूत होती। वे नेट्स में मेहनत कर रहे हैं और उम्मीद है कि भविष्य में टेलेंडर्स अच्छा करेंगे।

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