BCCI ने घरेलू क्रिकेट के लिए नियम बदले, गंभीर चोट पर रिप्लेसमेंट मिलेगा..

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने प्लेइंग कंडीशंस में बदलाव करते हुए आने वाले घरेलू सीजन में इंजरी रिप्लेसमेंट की इजाजत दे दी है। अगर किसी खिलाड़ी को गंभीर चोट लगती है और वह मैच में आगे खेलने की स्थिति में नहीं होता है तो उसकी जगह दूसरे खिलाड़ी को मौका मिलेगा। यह नियम मल्टी-डे घरेलू मैचों में लागू होगा। यानी ऐसे मैचों में जो एक से ज्यादा दिन तक चलते हैं। इंग्लैंड में हाल ही में हुई एंडरसन-तेंदुलकर सीरीज में ऋषभ पंत को चोट लगी थी। इसके बाद इंग्लैंड के तेज गेंदबाज क्रिस वोक्स भी चोटिल हुए थे। नियमों के मुताबिक किसी खिलाड़ी को तभी रिप्लेस किया जा सकता है जब चोट सिर में लगी हो। इसे कनकनशन रिप्लेसमेंट कहते हैं। इंटरनेशनल क्रिकेट में यही नियम लागू है। हालांकि, भारत में होने वाले घरेलू क्रिकेट के लिए BCCI ने बाकी चोट में भी रिप्लेसमेंट की अनुमति देने का फैसला किया है। अगर किसी खिलाड़ी को मैच के दौरान गंभीर चोट लगती है, तो रिप्लेसमेंट की अनुमति दी जा सकती है। यह चोट खेल के दौरान और मैदान के अंदर ही लगी होनी चाहिए।

इस बदलाव पर कई प्लेयर्स की अलग-अलग राय है। इंग्लिश टेस्ट कैप्टन बेन स्टोक्स ने इसे मजाक बताया, वहीं गौतम गंभीर ने इसका स्वागत किया। भारत के ऋषभ पंत और इंग्लैंड के क्रिस वोक्स दोनों को चौथे और पांचवें टेस्ट में गंभीर चोट लगी थी, जिसके बाद वे मैच में भाग नहीं ले पाए थे।

ऋषभ पंत की चोट के बाद हेड कोच गौतम गंभीर ने कहा – मैं बिल्कुल इसके पक्ष में हूं। अगर अंपायर और मैच रेफरी को लगे कि चोट गंभीर है, तो सब्स्टीट्यूट देना बहुत ज़रूरी हैइसमें कोई बुराई नहीं है, खासकर ऐसी सीरीज में जहां पहले तीन टेस्ट कड़े मुकाबले रहे होंसोचिए हमें 10 खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ता तो कितना दुर्भाग्यपूर्ण होता

ए प्लेइंग कंडीशंस की जानकारी BCCI ने अहमदाबाद में अंपायरों की चल रही वर्कशॉप में दी। BCCI ने साफ किया है कि यह नियम सफेद गेंद क्रिकेट (सैयद मुश्ताक अली, विजय हजारे) में लागू नहीं होगा। IPL में यह लागू होगा या नहीं, यह अभी तय नहीं है। लेकिन CK नायडू ट्रॉफी (U-19 मल्टी-डे टूर्नामेंट) में यह लागू रहेगा।

 चोट किसी भी प्लेयर्स को मैदान के अंदर लगेगी तो इसका रिप्लेसमेंट दिया जा सकेगा। इसमें कोई प्लेयर बॉल लगने से, फ्रैक्चर और डिस्लोकेशन से चोटिल हुआ हो। चोट इतनी गंभीर हो कि खिलाड़ी मैच में आगे भाग न ले सके। तब उस खिलाड़ी को नया रिप्लेसमेंट दिया जाएगा। ग्राउंड में मौजूद ऑनफील्ड अंपायर गंभीर चोट का आकलन करेंगे और रिप्लेसमेंट की इजाजत देंगे। वे मैच रेफरी और डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।

टीम मैनेजर को मैच रेफरी को एक फॉर्म देना होगा जिसमें चोटिल खिलाड़ी का नाम, चोट कब और कैसे लगी, और यह पुष्टि हो कि वह आगे नहीं खेल सकता। रिप्लेसमेंट खिलाड़ी का नाम, जो लाइक फॉर लाइक (समान भूमिका वाला) होना चाहिए।

टॉस के समय सब्स्टीट्यूट लिस्ट देनी होगी रिप्लेसमेंट केवल उन्हीं खिलाड़ियों में से चुना जाएगा जो टॉस के समय बतौर सब्स्टीट्यूट नामित किए गए हों। सिर्फ विकेटकीपर की गंभीर चोट की स्थिति में बाहर से कीपर बुलाने की अनुमति होगी, अगर सब्स्टीट्यूट में कोई कीपर न हो। मैच रेफरी रिप्लेसमेंट की अनुमति तभी देंगे जब उन्हें लगे कि नया खिलाड़ी टीम को अनुचित फायदा नहीं देगा।

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