केंद्र सरकार की कई पेंशन स्कीम बुढ़ापे में हर महीने एक तय राशि पेंशन की गारंटी देती है. आप महज हर दिन 1 रुपये 80 पैसे जमाकर 3000 रुपये महीने पेंशन पा सकते हैं. इस योजना का नाम ‘प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना’ है. सरकार की यह योजना असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए है.
अगर आपकी मासिक आय 15 हजार रुपये से कम है और उम्र 40 साल से कम है तो फिर आप मोदी सरकार की इस योजना से जुड़कर बुढ़ापे में हर महीने 3000 रुपये तक पेंशन पा सकते हैं. केंद्र सरकार ने इस योजना की शुरुआत साल 2019 में की थी. सरकार का लक्ष्य है कि अगले 5 सालों में असंगठित क्षेत्र के कम-से-कम 10 करोड़ श्रमिकों और कामगारों को इस योजना का लाभ मिल सके.
सरकार की यह गारंटीड पेंशन स्कीम है. इससे जुड़कर आप 60 की उम्र के बाद हर महीने 3000 रुपये तक पेंशन पा सकते हैं. बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा देने के लिए यह योजना शुरू की गई है. इस योजना में जितनी राशि आप हर महीने जमा करेंगे, उतनी ही राशि हर महीने सरकार भी आपके पेंशन खाते में जमा करेगी.
इस योजना से जुड़ने के लिए मासिक आमदनी 15,000 रुपये से ज्यादा नहीं हो. अगर मंथली आमदनी 15 हजार से ज्यादा है तो फिर इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते हैं. साथ ही संगठित क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्ति या कर्मचारी भविष्य निधि (EPFO), नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) या राज्य कर्मचारी बीमा निगम (ESIC) के सदस्य या आयकर का भुगतान करने वाले लोग इस स्कीम का लाभ नहीं ले सकते हैं. (Photo: File)
कौन बन सकता है स्कीम का हिस्सा?
प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना से कोई भी भारतीय नागरिक जुड़ सकता है, जिसकी उम्र 18 साल से 40 साल के बीच हो. यह योजना खासकर मेड, मोची, दर्जी, रिक्शा चालक, धोबी और मजदूर के लिए शुरू की गई है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में करीब 42 करोड़ लोग असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं.
अगर निवेशक की उम्र 18 साल है तो उसे इस योजना में हर महीने 55 रुपये, 29 साल वाले को हर महीने 100 रुपये और 40 साल वाले हर महीने 200 रुपये जमा करने होंगे. अगर पेंशन मिलने से पहले ही लाभार्थी की मृत्यु होती है तो पेंशन का 50 फीसदी हिस्सा उसके जीवनसाथी को दिया जाएगा.
किन दस्तावेजों की जरूरी पड़ेगी?
प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना में खाता खुलवाने के लिए मुख्यतौर पर तीन दस्तावेज की जरूरत होगी. आधार कार्ड, आईएफएससी के साथ सेविंग या जनधन अकाउंट और वैध मोबाइल नंबर चाहिए. असंगठित श्रम के क्षेत्र में कई तरह के कार्य और व्यवसाय होने के कारण उनकी सुरक्षा के लिए उन्हें चिन्हित करना सबसे बड़ी चुनौती है.
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की वेबसाइट पर व्यक्ति को नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) का पता लगाना होगा. इसके अलावा भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की शाखा, राज्य कर्मचारी बीमा निगम (ईएसआईसी), ईपीएफओ या केंद्र और राज्य सरकार के लेबर ऑफिस में भी जाकर आवेदन किया जा सकता है.