छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। सोमवार को राजधानी रायपुर में स्वाइन फ्लू से एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई है। सांस लेने में तकलीफ के चलते बुजुर्ग महिला को डॉ. भीमराव आम्बेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान महिला ने दम तोड़ दिया। महिला को कुछ दिनों पहले अस्पताल लाया गया था। पिछले एक महीने में प्रदेश में स्वाइन फ्लू के पीड़ितों की संख्या 115 तक पहुंच गई है। प्रदेश में स्वाइन फ्लू से अब तक 4 मरीजों की मौत हो चुकी है। सबसे पहली मौत कवर्धा के 4 साल की बच्ची की हुई थी। स्वास्थ्य विभाग ने पिछले दिनों अलर्ट भी जारी किया था।
मिली जानकारी के मुताबिक महिला को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। सोमवार शाम को यह मामला सामने आया। छत्तीसगढ़ में इस साल स्वाइन फ्लू से पहली मौत चार साल की एक बच्ची की हुई थी। कवर्धा से आई बच्ची को संक्रमण की वजह से निमोनिया हो गया था। बाद में 2 और मरीजों की मौत हुई। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक सोमवार को छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू के 14 नए केस सामने आए हैं। इसे मिलाकर पिछले एक महीने में स्वाइन फ्लू के पीड़ितों की संख्या 115 तक पहुंच गई है। अब तक कुल 14 जिलों में मरीज मिल चुके हैं। रायपुर सहित विभिन्न जिलों 47 मरीजों का उपचार जारी है।
बीमारी से बचने सावधानी और सतर्कता जरूरी
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि व्यक्तिगत व्यवहार काफी मायने रखता है। हम अगर मान लेते हैं कि कोई बीमारी चली गई। हमें बीमारी नहीं होगी। कोई बीमारी न हो ऐसा बिल्कुल नहीं है। सावधानी और जागरूकता जरूरी है। इस वर्ष स्वाइन फ्लू से कुछ मौतें भी हुई है। अगर किसी को स्वाइन फ्लू है तो उसका प्रबंधन टाइम से जरूरी है। मरीज तत्काल अस्पताल आ जाएं। स्वास्थ्य विभाग बेहतर सुविधा उपबल्ध कराने हमेशा सजग है।
सेहत खराब तो अस्पताल जाकर जांच कराएं
राज्य महामारी नियंत्रण विभाग के संचालक डॉ. सुभाष मिश्रा ने कहा कि स्वाइन फ्लू संक्रमण से बचाव का सबसे बेहतर उपाय शारीरिक दूरी ही है। भीड़-भाड़ से परहेज करें। सार्वजनिक जगहों पर फेस मास्क लगाएं। हाथों को साबुन पानी अथवा सैनिटाइजर करते रहें। सर्दी-जुकाम की स्थिति में डॉक्टर से संपर्क कर संक्रमण की संभावना को टाला जा सकता है। सावधानी ही बचाव है। अगर तबीयत खराब है तो तत्काल अस्पताल पहुंचकर इलाज कराएं।