आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को दिल्ली हाईकोर्ट से राहत मिल गई है. राघव चड्ढा को फिलहाल बंगला खाली नहीं करना होगा. दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदालत के सरकारी बंगला खाली करने के फैसले पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट का अंतिम फैसला आने तक ये रोक जारी रहेगी.
दरअसल, पिछले साल पंजाब से राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को टाइप-6 बंगला आवंटित किया गया था. हालांकि, कुछ दिन बाद राघव चड्ढा ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को टाइप-7 आवास के आवंटन का अनुरोध करते हुए एक प्रतिवेदन सौंपा था.
इसके बाद राज्यसभा सचिवालय ने राघव चड्ढा को नई दिल्ली में टाइप-7 बंगला आवंटित किया था, जो आमतौर पर उन सांसदों के लिए होता है, जो पूर्व केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल या मुख्यमंत्री रहे होते हैं. लिहाजा इस साल मार्च में उन्हें बताया गया कि आवंटन रद्द कर दिया गया है. क्योंकि टाइप-7 बंगला उनकी पात्रता के अनुसार नहीं था, उन्हें एक और फ्लैट आवंटित किया गया था.
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राज्यसभा सचिवालय के फैसले के खिलाफ राघव चड्ढा कोर्ट पहुंच गए थे. हालांकि, पटियाला कोर्ट से उन्हें राहत नहीं मिली थी. निचली अदालत ने राज्यसभा सचिवालय के फैसले को सही माना था कोर्ट ने उन्हें बंगला खाली करने के लिए कहा था. इसके बाद राघव चड्ढा दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट में आप नेता राघव चड्ढा ने सुरक्षा और आतंकी धमकियों का हवाला दिया है. राघव की ओर से पेश वकील ने कहा, पंजाब से उनको मिल रही धमकियों की वजह से z प्लस सुरक्षा मिली हुई है. उसका यह मतलब कतई नहीं है कि दिल्ली में सुरक्षा घटा दी जाए. इस वजह से यहां मेरी हत्या कर दी जाए तो क्या होगा? अब हाईकोर्ट ने उन्हें फौरी राहत दे दी है.