छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में 4 साल पहले पहाड़ी कोरवा नाबालिग से गैंगरेप के बाद उसकी हत्या कर दी गई। उसके पिता और नातिन को भी मार डाला। अब कोर्ट ने 5 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। जबकि एक आरोपी हत्या में शामिल था, लेकिन उसने रेप नहीं किया है लेमरु थाना क्षेत्र के गढ़ उपरोड़ा में पहाड़ी कोरवा जनजाति के नाबालिग के साथ 29 जनवरी 2021 को यह घटना घटित हुई थी। ग्राम बरपानी निवासी 55 वर्षीय पहाड़ी कोरवा जुलाई 2020 से सतरेंगा निवासी संतराम मंझवार के यहां गाय चराने का काम करता था। पहाड़ी कोरवा की 16 वर्षीय नाबालिग पुत्री पर शादीशुदा संतराम की पहले से ही बुरी नजर थी। युवती जब घर में अकेली होती थी तो संतराम घर में घुस जाता था और अश्लील हरकत करता था। इस मामले की जानकारी युवती ने अपनी मां और पिता को भी दी थी। युवती ने उन्हें यह भी बताया था कि संतराम उससे शादी की बात करता है लेकिन वो उसके साथ नहीं रहेगी और यहां अब काम भी नहीं करेगी। जिसके बाद परिवार के लोग 29 जनवरी को सतरेंगा से ग्राम बरपानी जाने की तैयारी कर रहे थे। संतराम परिवार को जाने नहीं देना चाहता था। जिसके बाद संतराम ने अपने साथियों के साथ मिलकर मर्डर की पूरी प्लानिंग तैयार कर ली। संतराम ने अपने एक साथी उमाशंकर को बाइक से मृतका की मां और उसकी भतीजी को बस स्टैंड छोड़ने को कहा। युवती को उसके पिता और रिश्ते की भतीजी को उसने स्वयं थोड़ी देर बाद छोड़ देने की बात कही। जिसके बाद संतराम मंझवार उनको छोड़ने अपनी बाइक से बरपानी जा रहा था। इस दौरान रास्ते में कोरई गांव में शराब पीने के बाद अपने साथियों के साथ संतराम व उसके साथियों ने पहले पिता के सामने ही नाबालिग से गैंगरेप किया फिर सबने मिलकर नाबालिग, उसके पिता और भतीजी की हत्या कर दी।
घटना की सूचना मिलने पर पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना की। साक्ष्य मिलने के बाद मामले में पुलिस ने सतरेंगा निवासी संतराम मंझवार 45 वर्ष पिता धीर साय, अनिल कुमार 20 वर्ष पिता भरत साय, उमाशंकर यादव 21 वर्ष पिता फेंकूराम यादव, आनंदराम पनिका 25 वर्ष पिता होरीदास पनिका, परदेशीराम 35 वर्ष पिता बुधवार दास, अब्दुल जब्बार 29 वर्ष पिता मोहम्मद इकबाल को गिरफ्तार कर मामले को न्यायालय में पेश किया था। जहां मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश एफटीएससी (पाक्सो) डॉ ममता भोजवानी के न्यायालय में चल रही थी। सोमवार को मामले की अंतिम सुनवाई हुई और आरोपियों के खिलाफ दोषसिद्ध होने पर संतराम मंझवार, अनिल सारथी, परदेशी दास, आनंद दास, अब्दुल जब्बार को फांसी व उमाशंकर यादव को आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया गया है।