सड़क पर उतरीं एसिड अटैक सर्वाइवर, दुकानदारों से की एसिड न बेचने की अपील

राष्ट्रीय

दिल्ली में 17 साल की लड़की पर हुए एसिड अटैक के बाद चारों तरफ यह सवाल फिर से उठने लगा कि आखिर एसिड इतनी आसानी से मिल कैसे जाता है. इस मामले में सरकार की तरफ से फ्लिपकार्ट को भी नोटिस जारी किया गया है क्योंकि आरोपियों ने फ्लिपकार्ट से ही एसिड मंगवाया था.

हालांकि सच्चाई ये है कि बाजार में एसिड बहुत ही आसानी से मिल जाता है. दिल्ली नोएडा में आप किसी भी मोहल्ले में चले जाइए आपको छोटी-छोटी परचून की दुकान पर भी एसिड की बोतल 15 से 20 रुपए में आसानी से मिल जाती हैं. प्रशासन भले ही इस बात को नकारता हो लेकिन एसिड अटैक सर्वाइवर इस सच्चाई से भलीभांति वाकिफ हैं. इसीलिए नोएडा में आज खुद एसिड अटैक सर्वाइवर ऐसे बाजारों और दुकानों में पहुंची जहां पर खुलेआम एसिड बिक रहा था दुकान पर पहुंचकर एसिड अटैक सरवाइवर्स ने दुकानदारों से अपील की कि वह इस तरह थोड़े मुनाफे के चक्कर में एसिड ना बेचें.

एसिड अटैक सर्वाइवर अंशु और रूपा अपनी टीम के साथ नोएडा के निठारी पहुंचीं. यहां पर पहले टीम के 3 लड़कों को गली के अंदर दुकानों में यह देखने के लिए भेजा कि कहीं एसिड बिक रहा है। टीम से तीन लड़के गली में जाते हैं और आराम से तीन अलग-अलग दुकानों से एसिड खरीद कर ले आते हैं. उसके बाद अंशु और रूपा पूरी टीम के साथ उन दुकान पर पहुंच कर दुकानदारों से बात करती हैं.

‘महिला दुकानदार भी बेच रही एसिड’

एसिड अटैक सर्वाइवर अंशु और रूपा की टीम के वॉलिंटियर्स जिन दुकानों से एसिड लेकर आए उनमें से कई दुकानों में महिलाएं दुकान चला रही थी. अंशु और रूपा ऐसे ही एक दुकान में पहुंची. दुकान पर महिला के बेटे से उन्होंने कस्टमर बनकर एसिड मांगा, बड़ी बात ये कि दुकानदार का बेटा अंशु और रूपा का चेहरा देखकर भी कुछ समझ नहीं पाया और उन्हें एसिड की बोतलें निकाल कर देने लगा. कुछ ही देर में महिला दुकानदार भी दुकान पर पहुंच गई. अंशु और रूपा ने जब महिला दुकानदार सुनीता से बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें नियम कानून की जानकारी नहीं है. उन्हें नहीं पता था कि दुकान में इस तरह एसिड नहीं बेच सकते उन्होंने आगे से ऐसिड न बेचने की भी बात कही और माफी मांगी. सुनीता ने बताया कि उन्हें यह एसिड की बोतल ₹10 में मिलती है जिसे वह 20 रुपए में बेच देती हैं. इसे खरीदने के लिए उन्हें कहीं दूर नहीं जाना पड़ता बल्कि गली में ही लोग इसे साइकिल पर रखकर बेचने आते हैं.

‘जब मुझपर हमला हुआ तो मेरी उम्र भी सिर्फ 15 साल थी’

अंशु और रूपा दूसरी दुकान पर पहुंचते हैं. इस दुकान पर एक महिला दुकानदार के साथ उनकी 15 साल की बेटी भी मौजूद थी. दोनों एसिड अटैक सर्वाइवर उन्हें समझाती हैं. अंशु उन्हें बताती हैं कि जब उनकी उम्र सिर्फ 15 साल की थी तभी उन पर इस तरह से एसिड अटैक हुआ था इस पर महिला दुकानदार कहती हैं कि उनकी भी बेटी की उम्र सिर्फ 15 साल है. यहां भी महिला दुकानदार कहती हैं कि आगे से वह कभी भी एसिड नहीं बेचेंगी.

‘एसिड बेचने के ये हैं नियम’

कोई भी दुकानदार बिना लाइसेंस के तेजाब की बिक्री नहीं कर सकता. लाइसेंसी दुकानदार के पास एसिड रखने के रिकॉर्ड का भी ब्यौरा रखना होत है. जरूरत से ज्यादा स्टॉक रखने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई करने की व्यवस्था भी बनाई गई है. सभी विक्रेता एसिड तभी बेचेंगे जब खरीदार ने सरकार द्वारा जारी एक फोटो आईडी (जिसमें व्यक्ति का पता भी हो) और वो एसिड खरीदने का कारण भी बताए. 18 वर्ष से कम आयु का कोई भी व्यक्ति न तो तेजाब बेच पाएगा न ही खरीद पाएगा. तेजाब बिक्री के किसी भी निर्देश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति पर 50 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है बावजूद इसके हर गली-मोहल्ले की छोटी बड़ी दुकानों में तेजाब आसानी से उपलब्ध है.