बैंकिंग नियमों का सही से पालन नहीं करने के कारण RBI अक्सर बैंकों के ऊपर कार्रवाई करते रहता है. हालिया समय में खास तौर पर सहकारी बैंकों को लेकर रिजर्व बैंक सख्त हुआ है. इस कड़ी में अब उत्तर प्रदेश के दो सहकारी बैंक RBI के निशाने पर आए हैं. सेंट्रल बैंक ने उत्तर प्रदेश स्थित लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक और अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सीतापुर के ऊपर शिकंजा कसा है.
UP के इन दो सहकारी बैंकों पर पाबंदी
सेंट्रल बैंक ने गुरुवार को दो अलग-अलग स्टेटमेंट में बताया कि लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक और अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सीतापुर दोनों की वित्तीय स्थिति खराब हो चुकी है. इसी कारण इन दोनों बैंकों के ऊपर पाबंदियां लगाने का फैसला लेना पड़ा है. रिजर्व बैंक ने इन दो सहकारी बैंकों के ऊपर जो पाबंदियां लगाई हैं, उनमें इनके ग्राहकों के लिए पैसे निकालने पर लिमिट लगाना भी शामिल है.
इससे ज्यादा नहीं होगी निकासी
रिजर्व बैंक ने बताया कि दोनों सहकारी बैंकों के ऊपर बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट के तहत पाबंदियां लगाई गई हैं. दोनों सहकारी बैंकों के ऊपर ये पाबंदियां अगले छह महीने तक लागू रहेंगी. रिजर्व बैंक छह महीने बीत जाने के बाद तय करेगा कि पाबंदियों को हटाया या नरम किया जाना चाहिए अथवा नहीं. स्टेटमेंट के अनुसार, लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहक अब 30 हजार रुपये से ज्यादा नहीं निकाल सकेंगे. रिजर्व बैंक ने अलग से एक बयान में बताया कि इसी तरह अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के ग्राहक 50 हजार रुपये से ज्यादा निकासी नहीं कर सकेंगे.
इन चीजों पर भी RBI की पाबंदी
स्टेटमेंट के अनुसार, निकासी पर लिमिट के अलावा भी दोनों सहकारी बैंकों के ऊपर कई पाबंदियां लगाई गई हैं. ये दोनों सहकारी बैंक फिलहाल रिजर्व बैंक की मंजूरी के बिना कर्ज नहीं दे पाएंगे. इसी तरह कोई निवेश करने या फंड जुटाने के लिए भी इन दोनों बैंकों को रिजर्व बैंक से मंजूरी लेने की जरूरत होगी. ये दोनों सहकारी बैंक पाबंदियों के लागू रहने तक ग्राहकों से डिपॉजिट भी नहीं ले पाएंगे. दोनों सहकारी बैंकों को कोई संपत्ति गिरवी रखने या बेचने के लिए भी सेंट्रल बैंक से पहले से मंजूरी लेनी होगी.