सलमान के बाद CM एकनाथ शिंदे को उड़ाने की धमकी… पुलिस कंट्रोल रूम को आया फोन

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Shinde Threat Case: एक्टर सलमान खान के बाद अब महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे को जान से मारने की धमकी मिली है. यह धमकी पुलिस कंट्रोल रूम को एक अज्ञात शख्स ने फोन पर दी. जानकारी के मुताबिक आरोपी ने 112 पर कॉल कर कहा था कि उसकी सीने में दर्द हो रहा है, एम्बुलेंस भेजी जाए. इस पर उसे बताया गया कि एम्बुलेंस के लिए उसे 108 नंबर पर कॉल करनी होगी. इसके बाद उसने दोबारा कॉल कर सीएम एकनाथ शिंदे को उड़ाने की धमकी दे दी. यह कहने के बाद उसने फोन कट कर दिया. यह कॉल 10 अप्रैल को देर शाम आई थी.

सूत्रों के मुताबिक यह कॉल नागपुर कंट्रोल ने रिसीव की थी. यह कॉल मिलते ही मुंबई पुलिस को तत्काल सूचना दी गई. मुंबई पुलिस ने हरकत में आते ही नंबर के आधार पर आरोपी की लोकेशन का पता लगाया.

पता चला कि यह कॉल पुणे से की गई है लेकिन नंबर के लिए मुंबई का एड्रेस दिया गया था. पुलिस दिए गए एड्रेस पर पहुंची लेकिन घर पर ताला मिला. इसके बाद पुणे पुलिस को इस बारे में जानकारी दी गई. पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है. पुणे पुलिस के मुताबिक आरोपी राजेश मारुती आगवाने ने नशे की हालत में यह कॉल की थी. वह पेशे से वार्ड बॉय है और मुंबई के धारावी इलाके में रहता है. आरोपी की पत्नी पुणे के कोथरुड में रहती है और प्राइवेट जॉब करती है.

पुलिस ने बताया कि आरोपी अकसर अपनी पत्नी से मिलने के लिए पुणे जाता था. जिस समय उसने पुलिस कंट्रोल रूम के नंबर 112 पर कॉल की थी, उस वक्त वह पुणे में ही था. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. हालांकि उसने अभी तक इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की है. वह आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.

पिछले साल फिदायीन हमले की मिली थी धमकी

सीएम एकनाथ शिंदे को जान से मारने की कोई पहली बार धमकी नहीं मिली है. पिछले साल अक्टूबर में सीएम को आत्मघाती हमले में मारने की धमकी का मामला सामने आया था. इसकी जानकारी सीएम ऑफिस ने गृह मंत्रालय को दी थी. एकनाथ शिंदे को पहले सितंबर में जान से मारने की धमकी भरा पत्र मिला था. इस लेटर में माओवादियों का हाथ होने की बात सामने आई थी. इसके एक महीने बाद फोन कॉल पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी.

एकनाथ शिंदे जब सीएम नहीं थे, तब भी उन्हें एक बार धमकी मिल चुकी है. शिंदे जब गढ़चिरोली के संरक्षक मंत्री थी, तब वे नक्सलियों के निशाने पर भी थे. उस समय आषाढ़ी एकादशी के वक्त पंढरपुर के दौरे पर थे, तभी भी उन्हें जान से मारने की साजिश रची गई थी.