श्रीलंका और पाक के बाद बांग्लादेश भी कंगाली की राह पर!

अंतरराष्ट्रीय

पाकिस्तान और श्रीलंका के बाद भारत के एक और पड़ोसी देश बांग्लादेश की माली हालत खस्ता है। डॉलर की कमी झेल रहे बांग्लादेश में महंगाई और उत्पादों के निर्यात पर भारी संकट बना हुआ है। अप्रैल 2022 से बांग्लादेश की तरफ से आयात के प्रतिबंधों सहित कई उपायों के बावजूद यहां की आर्थिक स्थिति बेहतर बहाल नहीं हो पा रही है। ईंधन और गैस की कीमतों में लगातार बढ़त आम जनता और यहां के उद्योग धंधे पर असर डाल रहा है।

एक्सपर्ट्स की माने तो विदेशी मुद्रा संकट और अवैध लेनदेन के कारण बांग्लादेश में समग्र आर्थिक गतिविधियों को नुकसान पहुंचा रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार के पर्याप्त नहीं होने के कारण कई व्यापारिक बैंक आयात को लेकर लेटर ऑफ क्रेडिट जारी नहीं कर पा रहे हैं।

बांग्लादेश बैंक के पूर्व गवर्नर सालेहुद्दीन अहमद का मानना है कि जब तक ओवर-इनवॉइसिंग और हुंडी की जांच नहीं होती, तब तक डॉलर की कमी बनी रहेगी। सालेहुद्दीन अहमद ने चेतावनी देते हुए कहा, “सरकार को तुरंत ओवर-इनवॉइसिंग की जांच करनी चाहिए।”

आईएमएफ के लोग से क्या कम होगी परेशानी?

इधर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने बांग्लादेश के लिए 4.7 बिलियन डॉलर के समर्थन लोन पैकेज पर हस्ताक्षर किया हैं। जिससे बांग्लादेश बढ़ती ऊर्जा और खाद्य लागत से निपटने में मदद मिलेगी।

बुनियादी सुविधाओं में आई है कमी

यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद फॉसिल फ्यूल के आयात पर निर्भर बांग्लादेश को आर्थिक और बुनियादी सुविधाओं को पूरा करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पिछले साल 13 घंटे तक के राष्ट्रव्यापी ब्लैकआउट ने बिजली ग्रिड को प्रभावित किया। बांग्लादेश में विदेशी मुद्रा भंडार 46 अरब डॉलर से 34 अरब डॉलर तक गिर गया है। आईएमएफ लोन का उपयोग बांग्लादेश इसे बढ़ाने के लिए कर सकता है।

करेंसी में गिरावट से बढ़े दाम

पिछले मई से अमेरिकी डॉलर के मुकाबले स्थानीय मुद्रा में लगभग 25 प्रतिशत की गिरावट आई है, जिससे पेट्रोल और बिजली की लागत बढ़ गई है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था में काफी असर पड़ा।

तंग हाल सरकार विपक्ष के निशाने पर

विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने संकट के लिए सरकार को दोषी ठहराया है, उस पर अरबों डॉलर की वैनिटी परियोजनाओं पर नकदी बर्बाद करने का आरोप लगाया है। इसके चलते शेख हसीना के इस्तीफे और आम चुनाव की मांग कराने की मांग तेज हो गई है।

पाकिस्तान-श्रीलंका के साथ आ खड़ा है बांग्लादेश

बांग्लादेश उन कई दक्षिण एशियाई देशों में से एक है जो पिछले एक साल में आर्थिक झटके से निपटने की कोशिश कर रहा है, जिसमें पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं।