नई दिल्ली: गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान में आतंकी वारदातें और कट्टरपंथी समूहों की गतिविधियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पेशावर की मस्जिद में हुए आत्मघाती बम हमले के बाद अब एक और मस्जिद पर हमला और तोड़-फोड़ की गई है। पाकिस्तान के कराची शहर में अहमदी समुदाय की एक मस्जिद पर कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक के सदस्यों ने हमला कर दिया।
अहमदी समुदाय की मस्जिद पर हमले का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तुरंत वायरल हो गया। वीडियो में तहरीक-ए-लब्बैक के सदस्य मस्जिद की दीवारों पर चढ़कर तोड़-फोड़ करते देखे जा सकते हैं। बता दें कि अहमदिया मुस्लिम पाकिस्तान का एक अल्पसंख्यक समाज है और देश में उन्हे दोयम दर्जे का नागरिक माना जाता है। यहां तक कि पाकिस्तान में अहमदियों को मुसलमान भी नहीं माना जाता है।
इस्लामिक देश पाकिस्तान में जब मस्जिदों को तोड़ा जा रहा है तो सोचिए वहां मंदिरों और हिंदुओं का क्या हाल होगा..!!https://t.co/55cVI9cIlZ pic.twitter.com/t4ErGJiNKd
— Dheeraj Pradhan (मोदी का परिवार) (@DheerajChonnker) February 4, 2023
अहमदिया समुदाय आर्थिक रूप से भी बेहद कमजोर है और पाकिस्तान में उनका कोई राजनीतिक प्रतिनिधित्व भी नहीं है। अक्सर धार्मिक चरमपंथियों के निशाने पर रहने वाले अहमदिया समुदाय को 1974 में पाकिस्तान की संसद ने गैर-मुस्लिम घोषित कर दिया था। पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय के लोग खुद को मुसलमान नहीं कह सकते। यहां तक कि उन पर उपदेश देने और हज के लिए सऊदी अरब जाने पर भी प्रतिबंध है। पाकिस्तान का कट्टरपंथी धार्मिक संगठन तहरीक-ए-लब्बैक अहमदिया मुसलमानों के खिलाफ मुखर रहता है और आए दिन इससे जुड़े मौलवी-मौलाना अहमदियों के खिलाफ जहर उगलते रहते हैं। पाकिस्तान में कई सारे अहमदिया मुसलमानों को ईशनिंदा के आरोपों में मौत की सजा भी दी जा चुकी है।
बता दें कि बीते 30 जनवरी को पाकिस्तान के पेशावर की एक मस्जिद में भी आतंकी हमला हुआ था जिसमें 100 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी। इस हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान ने ली थी। टीटीपी ने धमाके के बाद बयान जारी कर कहा था कि उन्होंने पिछले साल अगस्त में अपने नेता उमर खालिद खुरासनी की हत्या का बदला लिया लिया है।