ITR में किया गोलमाल तो AI कर देगा काम तमाम, फर्जीवाड़ा पकड़ते ही भेजा जा रहा नोटिस

राष्ट्रीय

इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है. इसके लिए अब चंद दिन बचे हैं. इस बीच खबर है कि आयकर विभाग लगातार लोगों को नोटिस भेज रहा है, फर्जीवाड़े को खंगाला जा रहा है और फर्जी दस्तावेज लगाने वालों को नोटिस दे रहा है. खबर है कि इस बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से गलत कामों को आसानी से पकड़ा जा रहा है. क्योंकि AI से कोई भी गलत जानकारी देने वाला बच नहीं पाएगा.

दरअसल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक साथ कई काम कर रहा है. AI की मदद से टैक्सपेयर्स (Taxpayers) के लिए रिटर्न फाइल करना और रिफंड (Refund) लेना आसान हो गया है. इससे सभी सोर्सेज से होने वाली कमाई की पहचान की जाती है, जिससे टैक्सपेयर्स चोरी नहीं कर सकते हैं. बता दें, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) पुराने कई ITR का पुनर्मूल्यांकन कर रहा है.

AI की मदद से फर्जीवाड़े पर लगाम

खबर के मुताबिक, इस साल 20 मार्च से 10 जून तक सैकड़ों लोगों को नोटिस जारी किए गए थे, ये सभी सैलरीड क्लास के थे. रिपोर्ट्स की मानें तो आयकर विभाग ने एआई की मदद से ऐसे लोगों की पहचान की है. ये मामला वित्तीय वर्ष 2018-19 का बताया जा रहा है. जिसमें इनकम टैक्‍स विभाग ने दान दी गई रकम में टैक्स छूट पाने के लिए रिटर्न दाखिल करने वालों की जांच AI से शुरू कर दी है.

असली मसला ये है कि AI की मदद से आयकर विभाग (Income Tax) टैक्स धोखाधड़ी को रोकने का काम कर रहा है. इस काम के लिए विभाग एक AI सॉफ्टवयेर की मदद ले रहा है. टैक्स से बचने के लिए कुछ लोग नकली रेंट रिसिप्ट से लेकर नकली डोनेशन का सहारा लेते हैं. विभाग एआई सॉफ्टवेयर की मदद से अब तक कई प्रोफेशनल्स को ऐसे दावों के लिए स्पष्टीकरण और सबूत की मांग कर रहा है.

ITR में गलत जानकारी पर नोटिस

इस मसले को लेकर हमने एक्सपर्ट से बात की. उन्होंने कहा कि AI की मदद से Employer द्वारा सबमिट डेटा और ITR के दौरान Employee की ओर से दिए गए डेटा का मिलान किया जाता है. जिसमें अंतर होने पर नोटिस आ सकता है. क्योंकि टैक्स बचाने के लिए ITR फाइल करते समय कुछ लोग गलत दस्तावेज का सहारा ले लेते हैं. उन्हें लगता है कि कौन इसे देखेगा, लेकिन अब AI की मदद से उस फर्जीवाड़े को रोकने की कोशिश की जा रही है. अब कहा जा रहा है कि एक-एक रुपये का सटीक हिसाब AI निर्धारित कर देगा.

इसके अलावा लोग टैक्स बचाने के लिए ITR फाइलिंग के समय गलत क्लेम कर देते हैं. ये सबकुछ रिफंड के लिए किया जाता है. क्योंकि ITR फाइलिंग के दौरान रिफंड के लिए दस्तावेज सौंपने की जरूरत नहीं होती है. अब AI ये आसानी से पता कर लेगा, क्योंकि पैन नंबर (PAN Number) की मदद से पूरा-लेखा जोखा सामने आ जाएगा. अगर बिना निवेश रिफंड पाने की कोशिश होगी, तो AI के रडार पर ऐसे लोग तुरंत आ जाएंगे. क्योंकि आधार और पैन लिंक होने से बैंकिंग ट्रांजैक्शन से जुड़े डिटेल्स एक जगह दिख जाएंगे.

HRA में भी फर्जीवाड़ा

इसके साथ ही HRA क्लेम के दौरान भी गड़बड़ी पर AI की नजर रहने वाली है. खासकर HRA में एक लाख रुपये ज्यादा क्लेम करने वालों पर नजर रहने वाली है. क्योंकि ऐसे लोग जब Employer को दस्तावेज देते हैं, तो उस समय इसका जिक्र नहीं करते हैं. लेकिन ITR फाइलिंग के दौरान HRA में एक लाख से ज्यादा का क्लेम कर देते हैं, क्योंकि उस समय पैन नंबर नहीं देना होता है. अब ऐसे लोगों से हाउस ऑनर के पैन नंबर और रेंट एग्रीमेंट को मांगा जा सकता है. AI की मदद से ऐसे लोगों की लिस्ट निकाल कर सिस्टम जेनेरेटेड नोटिस भेजा जा सकता है. साथ ही मकान मालिक की रेंट आय उनके इनकम में जुड़ जाएगी.

गौरतलब है कि AIS में टैक्सपेयर्स की तमाम डिटेल्स उपलब्ध होती हैं. जिसमें सेविंग अकाउंट से जुड़े लेन-देन, शेयर बाजार से कमाई, म्यूचुअल फंड, डिविडेंड, सेविंग अकाउंट पर ब्याज, फिक्स्ड डिपॉजिट (FD), रेंटल इनकम और बिजनेस इनकम की जानकारियां होती हैं. साथ ही रियल एस्टेट से सेल-परचेज डिटेल, टाइम डिपॉजिट, भारत से बाहर के ट्रांजैक्शन का लेखा-जोखा भी होता है.