एयर इंडिया की फ्लाइट में महिला से बदसलूकी के मामले में आरोपी यात्री शंकर मिश्रा पर चार महीने का प्रतिबंध लगा दिया गया है। एयरलाइन की ओर से यह जानकारी दी गई है।
समिति की जांच में शंकर मिश्रा को ‘बुरे व्यवहार वाला यात्री’ पाया गया
एयर इण्डिया के प्रवक्ता के मुताबिक, पूर्व जिला न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय आंतरिक समिति ने इस मामले में जांच की और शंकर मिश्रा को ‘बुरे व्यवहार वाला यात्री’ पाया। जांच के बाद नागरिक उड्डयन के प्रासंगिक प्रावधानों के अनुसार शंकर मिश्रा पर चार महीने के लिए उड़ान भरने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
अन्य एयरलाइनों को भी सूचित किया जाएगा
प्रवक्ता ने बताया कि यात्री को पहले ही एयरलाइन की ‘नो फ्लाई लिस्ट’ में डाल दिया गया है। एयर इंडिया ने नागरिक उड्डयन महानिदेशक (DGCA) के साथ आंतरिक समिति की रिपोर्ट की एक प्रति साझा की है। उनके मुताबिक, देश में संचालित अन्य एयरलाइनों को भी सूचित किया जाएगा।
क्या है पूरा मामला
26 नवंबर 2022 को न्यूयार्क से दिल्ली आ रहे एयर इंडिया के विमान में यात्री शंकर मिश्रा ने एक बुजुर्ग महिला पर पेशाब कर दिया था। इसके बाद शख्स के खिलाफ दिल्ली पुलिस के कहने पर आव्रजन ब्यूरो ने लुक आउट सर्कुलर (LOC) जारी किया था। इसके अलावा आरोपी के बारे में जानकारी लेने के सिलसिले में दिल्ली पुलिस की एक टीम आरोपी एस मिश्रा के एक रिश्तेदार से मिलने मुंबई पहुंची थी और पूछताछ भी की थी। इससे पहले एयर इंडिया ने अपने स्तर पर कार्रवाई करते हुए आरोपी पर 30 दिन की यात्रा पाबंदी लगा दी थी। आरोपी को छह जनवरी को दिल्ली पुलिस ने बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था।
नो फ्लाई लिस्ट क्या है?
नो फ्लाई लिस्ट द्वारा यात्रियों के व्यवहार को नियंत्रित किया जाता है। सीधे शब्दों में, यह कार्रवाई ऐसे यात्रियों के मामलों में की जाती है, जो मौखिक, शारीरिक या किसी अन्य प्रकार के आपत्तिजनक व्यवहार के माध्यम से यात्रा में व्यवधान उत्पन्न करते हैं। कार्रवाई के तहत यात्रियों पर एक निश्चित या फिर अनिश्चित समय के लिए भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है। इस सूची का संकलन व रखरखाव नागरिक उड्डयन निदेशालय द्वारा एयरलाइंस से मिले इनपुट के आधार पर किया जाता है।
नो फ्लाई लिस्ट का प्रावधान कब से है?
केंद्र सरकार ने 2017 में ‘द नेशनल नो फ्लाई लिस्ट’ नाम की एक समिति का गठन किया था, जिसे एयरलाइंस से मिले इनपुट के आधार पर डीजीसीए द्वारा संकलित (Compiled) और अनुरक्षित (Maintained) किया जाता है। नो फ्लाई लिस्ट केवल अनुसूचित और गैर-अनुसूचित उड़ानों में यात्रियों के व्यवहार को नियंत्रित करती है। यानी यह प्रावधान भारतीय ऑपरेटरों (घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय), सभी यात्रियों (भारत के भीतर या ऊपर यात्रा की अवधि के दौरान) पर लागू होते हैं।
यात्री पर क्या प्रतिबंध लगता है?
नो फ्लाई लिस्ट नाम की समिति यात्रियों द्वारा किए गए आपत्तिजनक व्यवहार को तीन श्रेणियों में रखता है। अगर व्यक्ति लेवल वन की श्रेणी में आता है, तो उस पर तीन महीने तक यात्रा पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। लेवल टू की श्रेणी में छह महीने तक का प्रतिबंध, वहीं लेवल थ्री में न्यूनतम दो साल या अनिश्चितकालीन प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
क्या प्रतिबंधित व्यक्ति फैसले के खिलाफ अपील कर सकता है?
हां, प्रतिबंधित व्यक्ति अपील कर सकता है। ऐसे व्यक्ति के पास प्रतिबंध के आदेश के 60 दिनों के भीतर अपील करने का विकल्प होता है। यह अपील नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा गठित अपीलीय समिति के समक्ष की जा सकती है। इस समिति में उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश, एयरलाइंस के प्रतिनिधि व यात्री संघ के सदस्य शामिल होते हैं। अपीलीय समिति द्वारा किया गया निर्णय अंतिम होता है। हालांकि, इसके खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की जा सकती है।