प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का लक्षद्वीप को लेकर अलग ही प्लान है. भारत सरकार लक्षद्वीप के मिनिकॉय आइलैंड्स पर नया एयरपोर्ट बनाने जा रही है. जहां से फाइटर जेट्स, मिलिट्री एयरक्राफ्ट और कॉमर्शियल विमानों का संचालन भी होगा. यहां पर ड्यूल परपज़ एयरफील्ड होगा.
मिनिकॉय द्वीप पर ड्यूल परपज़ एयरफील्ड बनाया जाएगा. एयरपोर्ट होगा. जहां से फाइटर जेट्स का संचालन तो होगा ही. इसके अलावा यहां पर आम नागरिक विमान भी आ-जा सकेंगे. साथ ही अन्य मिलिट्री एयरक्राफ्ट की लैंडिंग और टेकऑफ हो पाएगा.
इससे पहले सिर्फ मिलिट्री इस्तेमाल के लिए एयरफील्ड बनाने का प्रस्ताव सरकार के पास गया था. लेकिन अब उसे अपग्रेड करके ड्यूल परपज़ एयरफील्ड के तौर पर फिर से भेजा गया है. अगर यहां पर एयरफील्ड बनती है तो भारत अरब सागर और हिंद महासागर में चारों तरफ कड़ी निगरानी रख सकेगा. समुद्री लुटेरों की कार्यवाही पर विराम लगा सकेगा.
नौसेना और वायुसेना के लिए हिंद महासागर और अरब सागर में ऑपरेशन करना ज्यादा आसान हो जाएगा. साथ ही चीन की बढ़ती गतिविधियों पर रोक लगाने का मौका भी मिलेगा. मिनिकॉय आइलैंड पर एयरस्ट्रिप बनाने का सबसे पहला प्रस्ताव भारतीय तटरक्षक बल ने दिया था. वर्तमान प्रस्ताव के तहत इस नए एयरपोर्ट और एयरफील्ड का संचालन भारतीय वायुसेना करेगी.
लक्षद्वीप के आसपास फिलहाल सिर्फ एक ही एयरस्ट्रिप है. ये अगाती आइलैंड पर है. यहां पर हर तरह के विमान उतर नहीं सकते. एयरपोर्ट को बनाने का प्रस्ताव फुलप्रूफ है. कई बार रिव्यू किया जा चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद ये पूरा द्वीप समूह चर्चा में आया था.