अजीत पवार के बेटे की कंपनी का एक और घोटाला, सरकारी जमीन हड़पने का आरोप

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के बेटे पार्थ पवार की कंपनी अमेडिया होल्डिंग्स का एक और जमीन घोटाला सामने आया है। नया मामला बोपोडी इलाके का है। यहां कृषि विभाग की जमीन होने के बावजूद, तहसीलदार के साथ मिलकर जमीन हड़पने और फर्जी दस्तावेज बनाने के आरोप लगे हैं। इस मामले में अमेडिया कंपनी के डायरेक्टर दिग्विजय अमरसिंह पाटिल समेत 9 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इससे पहले, 6 नवंबर को पार्थ पवार की कंपनी पर पुणे के मुंढवा में करोड़ों की जमीन हड़पने का आरोप लगा था। मामले में एक अधिकारी को सस्पेंड भी कर दिया गया है। सरकार ने जांच के लिए हाई-लेवल कमेटी बनाई है। इस संबंध में नायब तहसीलदार प्रविणा शशिकांत बोर्डे ने खडक पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। यह कथित घटना छत्रपति शिवाजी रोड पर स्थित मामलेदार कचहरी में 12 फरवरी 2024 से 1 जुलाई 2025 के बीच हुई थी।

पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता प्रविणा बोर्डे नायब तहसीलदार के रूप में उपविभागीय अधिकारी कार्यालय में नियुक्त हैं। उन्होंने सरकार की ओर से प्राधिकृत अधिकारी के रूप में यह शिकायत दर्ज कराई है। पुणे के मुंढवा में 300 करोड़ की जमीन डील रद्द कर दी गई है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को CM फडणवीस से मुलाकात के बाद कहा- पुणे की जिस विवादित जमीन को मेरे बेटे पार्थ पवार से जुड़ा बताया जा रहा है, वह डील रद्द कर दी है। इसको रद्द करने के लिए दोनों पक्षों को 21 करोड़ रुपए यानी कुल 42 करोड़ रुपए भरने होंगे। मामले में 8 नवंबर को राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र में दलितों के लिए आरक्षित ₹1800 करोड़ की सरकारी जमीन मंत्री के बेटे की कंपनी को सिर्फ ₹300 करोड़ रुपए में बेच दी गई।

राहुल गांधी ने X पोस्ट में आगे लिखा- ऊपर से स्टाम्प ड्यूटी भी हटा दी गई। मतलब एक तो लूट, और उसपर कानूनी मुहर में भी छूट। ये उस सरकार की जमीन चोरी है, जो खुद वोट चोरी से बनी है। उन्हें पता है, चाहे जितना भी लूटें, वोट चोरी कर फिर सत्ता में लौट आएंगे।

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