आकाश मिसाइल, अर्जुन टैंक, प्रचंड और राफेल… कर्तव्यपथ पर दिखा इंडिया का War Power

राष्ट्रीय

भारत आज 26 जनवरी को 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. इस मौके पर कर्तव्य पथ परेड निकल रही है. इस परेड में स्वदेशी सैन्य पराक्रम और नारी शक्ति की ताकत नजर आ रही है. जहां कर्तव्य पथ पर आकाश मिसाइल, अर्जुन टैंक जैसे घातक हथियारों ने सेना के शौर्य को दिखाया, तो प्रचंड और राफेल समेत 50 विमानों की उड़ान ने सीमाओं से परे भारतीय वायु सेना की शक्ति प्रदर्शित की. इसके बाद राज्यों की झांकियां में सांस्कृतिक विविधता दिखाई दे रही है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कर्तव्य पथ से राष्ट्र का नेतृत्व कर रही हैं. इस बार गणतंत्र दिवस पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी (Abdel Fattah El-Sisi) मुख्य अतिथि हैं.

इससे पहले कर्तव्य पथ इस बार देश ने इतिहास बनते देखा. देश में पहली बार आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने परेड की सलामी ली. परंपरा के अनुसार, राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया और उसके बाद 21 तोपों की सलामी के साथ राष्ट्रगान हुआ. इसके बाद परेड की शुरुआत हो गई. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी कर्तव्य पथ पर स्वागत किया.

आसमान में दिखा अद्भुत नजारा

50 विमानों का फ्लाई पास्ट

50 विमानों का फ्लाई पास्ट

फ्लाई पास्ट में भारतीय वायु सेना के 45 विमानों, भारतीय नौसेना के एक और भारतीय सेना के चार हेलिकॉप्टरोंसांसों को थाम देने वाला एयर शो दिखाएं. इसमें राफेल, मिग-29, एसयू-30, सुखोई-30 एमकेआई जगुआर, सी-130, सी-17, डोर्नियर, डकोटा, एलसीएच प्रचंड, अपाचे, सारंग और एईडब्ल्यूएंडसी जैसे पुराने और आधुनिक विमान/हेलीकॉप्टर कर्तव्य पथ के ऊपर, बाज, प्रचंड, तिरंगा, तंगैल, वजरंग, गरुड़, भीम, अमृत और त्रिशूल समेत कई रूपों में उड़कर आसमान में गर्जना की. राफेल लड़ाकू विमान द्वारा वर्टिकल चार्ली युद्धाभ्यास किया गया.

कॉर्प्स ऑफ सिग्नल की डेयर डेविल्स टीम द्वारा मोटरसाइकिल स्टंट

NCB की झांकी

यूपी की झांकी में अयोध्या की झलक

जम्मू कश्मीर की झांकी में दिखी अमरनाथ गुफा की झलक

झारखंड की झांकी में बैद्यनाथ मंदिर की झलक

आंध्र प्रदेश की झांकी

DRDO की झांकी

BSF की टुकड़ी

भारतीय वायु सेना की टुकड़ी

स्क्वाड्रन लीडर सिंधु रेड्डी के नेतृत्व में भारतीय वायु सेना के दल में 144 वायु सैनिक और चार अधिकारी शामिल हुए. वायु सेना की झांकी, ‘सीमाओं से परे भारतीय वायु सेना की शक्ति’ विषय पर तैयार हुई. इस झांकी में लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस एमके- II, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर ‘प्रचंड’, एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल एयरक्राफ्ट नेत्रा और सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट प्रदर्शित हुए. झांकी में लेजर डेजिग्नेशन उपकरण और विशेषज्ञ हथियारों के साथ लड़ाकू गियर में गरुड़ की एक टीम भी दिखाई दी.

कर्तव्य पथ पर भारतीय नौसेना ने दिखाई आत्मनिर्भर भारत की झलक

भारतीय नौसेना दल में 144 युवा नाविक शामिल हुए. इसका नेतृत्व लेफ्टिनेंट कमांडर दिशा अमृत कंटिजेंट कमांडर ने किया. मार्च करने वाली टुकड़ी में पहली बार तीन महिलाएं और छह अग्निवीर शामिल हुए. इसके बाद नौसेना की झांकी दिखी, जिसे ‘इंडियन नेवी – कॉम्बैट रेडी, क्रेडिबल, कोहेसिव एंड फ्यूचर प्रूफ’ थीम पर डिजाइन किया गया है. यह भारतीय नौसेना की बहु-आयामी क्षमताओं, नारी शक्ति और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के अंतर्गत स्वदेशी रूप से डिजाइन उपकरणों को प्रदर्शित करेगा.

सेना की 6 टुकड़ियों ने दी सलामी

मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री रेजिमेंट, पंजाब रेजिमेंट, मराठा लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट, डोगरा रेजिमेंट, बिहार रेजिमेंट और गोरखा ब्रिगेड सहित सेना की कुल छह टुकड़ियों ने सलामी दी.

आकाश मिसाइल: भारत की सबसे खतरनाक मिसाइलों में से एक

आकाश मिसाइल जमीन से हवा में मार करने वाली भारत की सबसे खतरनाक मिसाइलों में से एक है. आकाश प्राइम में स्वदेशी एक्टिव RF सीकर लगा है, जो दुश्मन के टारगेट को पहचानने की सटीकता को बढ़ाता है. आकाश-एनजी यानी आकाश न्यू जेनरेशन मिसाइल का सफल परीक्षण भी हो चुका है. आकाश-एनजी जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल है. इसे भारतीय वायुसेना के लिए बनाया गया है. इसकी रेंज 40 से 80 किलोमीटर है. साथ ही इसमें एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे मल्टी फंक्शन राडार (MFR) लगा है जो एकसाथ कई दुश्मन मिसाइलों या विमानों को स्कैन कर सकता है. फिलहाल भारत में आकाश के तीन वैरिएंट मौजूद हैं- पहला आकाश एमके- इसकी रेंज 30KM है. दूसरा आकाश एमके.2 – इसकी रेंज 40KM है. इनकी गति 2.5 मैक यानी 3087 किलोमीटर प्रतिघंटा है.

BrahMos Missile : हवा में ही रास्ता बदलने में सक्षम

ब्रह्मोस मिसाइल हवा में ही रास्ता बदलने में सक्षम है. चलते-फिरते टारगेट को भी बर्बाद कर देता है.  यह 10 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम हैं, यानी दुश्मन के राडार इसे देख ही नहीं पाएगा. इसको मार गिराना लगभग अंसभव है. ब्रह्मोस मिसाइल अमेरिका के टोमाहॉक मिसाइल से दोगुना तेज उड़ती है. ब्रह्मोस मिसाइल के चार नौसैनिक वैरिएंट्स हैं. युद्धपोत से लॉन्च की जाने वाली ब्रह्मोस मिसाइल 200KG वॉरहेड ले जा सकती है. यह मिसाइल 4321 KM प्रतिघंटा की रफ्तार. इसमें दो स्टेज का प्रोप्लशन सिस्टम लगा है. पहला सॉलिड और दूसरा लिक्विड. दूसरा स्टेज रैमजेट इंजन (Ramjet Engine) है. जो इसे सुपरसोनिक गति प्रदान करता है. साथ ही ईंधन की खपत कम करता है.

3 लद्दाख स्काउट्स रेजीमेंट ने किया मार्च

3 लद्दाख स्काउट्स रेजीमेंट के कैप्टन नवीन धाटरवाल के नेतृत्व में क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल की टुकड़ी ने कर्तव्य पथ पर मार्च किया

Helina (NAG) ATGM

इस मिसाइल को इसमें लगी इंफ्रारेड इमेजिंग सीकर (IIR) तकनीक गाइड करती है. जो मिसाइल के लॉन्च होने के साथ ही सक्रिय हो जाता है. यह दुनिया के बेहतरीन और अत्याधुनिक एंटी-टैंक हथियारों में से एक है. दागो और भूल जाओ के मंत्र पर चलने वाली इस मिसाइल से दुश्मन के टैंक बच नहीं सकते. वैसे तो इसका नाम हेलिना है, लेकिन इसे ध्रुवास्त्र (Dhruvastra) भी कहते हैं. इससे पहले इसका नाम नाग मिसाइल (Nag Missile) था. भारत में बनी हेलिना 230 मीटर प्रति सेकेंड की स्पीड से चलती है. यानी 828 किलोमीटर प्रति घंटा. इस गति से आती किसी भी मिसाइल से बचने के लिए दुश्मन के टैंक को मौका नहीं मिलेगा. यह स्पीड इतनी है कि पलक झपकते ही दुश्मन के भारी से भारी टैंक को बर्बाद कर सकती है. रेंज 500 मीटर से लेकर 20 किलोमीटर तक है. यह हर मौसम में हमला करने में सक्षम है. साथ ही इसे दिन या रात में भी दाग सकते हैं.  सेना इस ध्रुवास्त्र मिसाइल को ध्रुव हेलिकॉप्टर, एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर समेत अन्य लड़ाकू हेलिकॉप्टरों में लगा सकती है.

Arjun Main Battle Tank

Arjun Main Battle Tank: भारतीय सेना के पास साल 2004 से अब तक यह सर्विस दे रहा है. यह देश की सेना का मुख्य युद्धक टैंक है. देश में इन 120 मिलीमीटर बैरल वाले टैंकों की संख्या 141 है. इसके दो वैरिएंट्स हैं- पहला एमके-1 और एमके-1ए. एमके-1 आकार में एमके-1ए से थोड़ा छोटा है. दोनों ही टैंकों में चार क्रू बैठते हैं. दोनों टैंक एक मिनट में 6 से 8 राउंड फायर कर सकते हैं. एक टैंक में 42 गोले स्टोर किए जा सकते हैं. अर्जुन टैंक की रेंज 450 किलोमीटर है. इस टैंक ने कई अंतरराष्ट्रीय वॉरगेम्स में भाग लिया है. ऐसी संभावना है कि बहरीन और कोलंबिया इसे खरीदें.

कर्तव्य पथ पर दिखी भारतीय थल सेना की ताकत

मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन, नाग मिसाइल सिस्टम (एनएएमआईएस), बीएमपी-2 एसएआरएटीएच का इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल, क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल, K-9 वज्र-ट्रैक्ड सेल्फ-प्रोपेल्ड होवित्जर गन, ब्रह्मोस मिसाइल, 10 मीटर शॉर्ट स्पैन ब्रिज, मोबाइल माइक्रोवेव नोड और मैकेनाइज्ड कॉलम में मोबाइल नेटवर्क सेंटर और आकाश (नई पीढ़ी के उपकरण) ने दिखाई सेना की ताकत.

भारतीय सेना की टुकड़ी

61 कैवलरी की वर्दी में पहली टुकड़ी का नेतृत्व कैप्टन रायजादा शौर्य बाली ने किया. 61 कैवलरी दुनिया में एकमात्र सेवारत सक्रिय घुड़सवार कैवेलरी रेजिमेंट है, जिसमें सभी ‘स्टेट हॉर्स यूनिट्स’ का संयोजन है.

मिस्र की टुकड़ी हुई शामिल

कर्नल महमूद मोहम्मद अब्देल फत्ताह एल खारासावी के नेतृत्व में पहली बार कर्तव्य पथ पर मार्च करते हुए मिस्र के सशस्त्र बलों का संयुक्त बैंड और मार्चिंग दल शामिल हुआ. दल में 144 सैनिक शामिल रहे, जो मिस्र के सशस्त्र बलों की मुख्य शाखाओं का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.

परेड की कमान लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ पर

परेड की कमान परेड कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ, अति विशिष्ट सेवा मेडल, दूसरी पीढ़ी के सेना अधिकारी संभाल रहे हैं. मुख्यालय दिल्ली क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल भवनीश कुमार परेड सेकेंड-इन-कमांड हैं.

कर्तव्य पथ पर बना इतिहास

कर्तव्य पथ इस बार गणतंत्र दिवस पर इतिहास बन गया. देश में पहली बार आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने परेड की सलामी ली. परंपरा के अनुसार, राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया और उसके बाद 21 तोपों की सलामी के साथ राष्ट्रगान हुआ. पहली बार, 21 तोपों की सलामी 105 मिमी की भारतीय फील्ड गन से दी गई. इन फील्ड गन ने पुरानी 25 पाउंडर बंदूक की जगह ली, जो रक्षा क्षेत्र में बढ़ती ‘आत्मनिर्भरता’ को प्रदर्शित करती है. 105 हेलिकॉप्टर यूनिट के चार एमआई-17 1वी/वी5 हेलिकॉप्टर कर्तव्य पथ पर मौजूद दर्शकों पर पुष्प वर्षा कर रहे हैं.

मिस्त्र के प्रेसीडेंट के साथ कर्तव्य पथ के लिए रवाना हुईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि मिस्त्र के प्रेसीडेंट ब्देल फतह अल-सीसी के साथ कर्तव्य पथ के लिए रवाना हो गई हैं.

वॉर मेमोरियल पहंचे पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वॉर मेमोरियल पहुंच गए हैं. उनके साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद हैं. यहां वे देश के शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे. इसके बाद वे यहां से कर्तव्यपथ जाएंगे. जहां 10.30 बजे से परेड शुरू होगी.

राजनाथ सिंह ने अपने आवास पर फहराया तिरंगा

 

परेड देखने के लिए किए गए खास इंतजाम

देश इस बार 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. परेड देखने के लिए अलग तरह के इंतजाम किए गए हैं. वर्टिकल प्लेटफॉर्म पर कुर्सियां लगाई गई हैं ताकि पीछे बैठे लोग भी परेड को आसानी से देख सकें. इस बार परेड को देखने के लिए करीब 12 हजार पास और करीब 32 हजार ऑनलाइन टिकट बांटे गए हैं.

करीब 90 मिनट चलेगी परेड

परेड की शुरुआत 10.30 से होगी. यह करीब 90 मिनट चलेगी. पहली बार कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड हो रही है. इस बार परेड में 45 हजार लोग शामिल होंगे. करीब 12 हजार पास बाटे गए और करीब 32 हजार ऑनलाइन टिकट हुए हैं. बैठने के लिए अलग तरह के इंतजाम किए गए हैं. वर्टिकल प्लेटफार्म पर कुर्सियां लगाई गई हैं, ताकि पीछे बैठे लोग भी परेड देख सकेंगे. कोरोना से पहले गणतंत्र दिवस समारोह में करीब सवा लाख लोग शामिल होते थे. परेड में शामिल थलसेना के सारे हथियार स्वदेशी रखे गए हैं.