रायपुर में 51 हजार दीयों से जय श्री राम लिखा गया। ये नजारा खारून नदी में देखने को मिला। यहां महाआरती का आयोजन भी किया गया। जिसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। वहीं भगवान राम और लक्ष्मण को नाव में सवार किया गया था।
मकर संक्रांति के पर्व पर यह पूरा आयोजन महादेव घाट खारून नदी में किया गया । बड़े ही धूम-धूम से संक्रांति मनाई गई। रविवार शाम से ही यहां भीड़ पहुंची थी। जिसने पहले भगवान शंकर के दर्शन किए। फिर भगवान के गानों की धुन में नाचते नजर आए। घाट में शानदार लाइटिंग भी की गई थी।
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यह आयोजन बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद की तरफ से किया गया था। दीयों से इस तरह से घाट को सजाया गया था कि उसकी छवि नदी में भी देखने को मिल रही थी। इस अवसर पर बजरंग दल के विजेंद्र सोनी ने बताया इस महाआरती के आयोजन को लेकर लोगों में अच्छा खासा उत्साह दिखा। मकर संक्रांति के अवसर पर यह पहला आयोजन बहुत ही सफल रहा और विहिप हर साल इस तरह से आयोजन करेगा। जिससे हिंदू आस्था विश्वास के पर्वों को हम साथ मिलकर और बेहतर तरीके से मना सकें।
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कार्यक्रम में विहिप के प्रांत संयोजक ऋषि मिश्रा और सहसंयोजक रवि वाधवानी ने गंगा नदी की तरह पूरे रीति रिवाज के साथ खारून नदी की पूजा अर्चना की। साथ ही दुर्गा वाहिनी के महिलाओं ने रंगोली और दीपक से पूरे घाट में सजावट की। इस आयोजन में बच्चे को भगवान हनुमान के रूप में तैयार किया गया था। वहीं भगावान राम लक्ष्मण को नाव में बिठाया गया था। घाट के आस-पास तिल और लाई के लड्डुओं की दुकान भी लगाई गई थी।
पंडित ओमप्रकाश तिवारी ने बताया कि 6 महीने बाद मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरायण में चला जाता है। खरमास के चलते पिछले एक महीने से सभी मांगलिक कार्य रुके हुए थे। लेकिन अब पुनः धार्मिक आयोजन शुरू हो सकते हैं। आने वाले महीनों में गृह प्रवेश,विवाह के कई शुभ मुहूर्त भी हैं।