अमेरिका ने चार भारतीय कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध, ईरान से तेल व्यापार करने के चलते की कार्रवाई

अंतरराष्ट्रीय व्यापार

अमेरिका ने ईरान के पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल उद्योग से जुड़ाव के आरोप में 16 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है। इनमें चार भारतीय कंपनियां भी हैं। अमेरिकी वित्त मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, प्रतिबंधित भारतीय कंपनियां ऑस्टिनशिप मैनेजमेंट प्रा. लि., बीएसएम मरीन एलएलपी, कॉसमॉस लाइन्स इंक व फ्लक्स मैरीटाइम एलएलपी हैं। बयान में कहा गया कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय ईरान के पेट्रोलियम व पेट्रोकेमिकल उद्योग से जुड़ाव वाली 16 कंपनियों की पहचान कर उन पर प्रतिबंध लगा रहा है। विदेश मंत्रालय ने, वित्त मंत्रालय के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (ओएफएसी) के साथ मिलकर, 22 व्यक्तियों पर भी प्रतिबंध लगाया है। साथ ही, ईरान के तेल उद्योग से उनके जुड़ाव के कारण विभिन्न क्षेत्रों में उनके 13 जहाजों को प्रतिबंधित संपत्ति के रूप में चिह्नित किया है। ओएफएसी ने कहा, प्रतिबंध में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और हांगकांग में तेल दलाल, भारत और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) में टैंकर ऑपरेटर और प्रबंधक, ईरान की नेशनल ईरानी ऑयल कंपनी के प्रमुख और ईरानी ऑयल टर्मिनल कंपनी शामिल हैं। इनके संचालन से ईरान की अस्थिर गतिविधियों को वित्तपोषित करने में मदद मिलती है। प्रतिबंधित जहाज करोड़ों डॉलर मूल्य के कच्चे तेल के दसियों लाख बैरल की शिपिंग के लिए जिम्मेदार हैं।

ईरानी शासन अपने परमाणु खतरे, बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम और आतंकवादी समूहों को समर्थन के साथ वैश्विक सुरक्षा को अस्थिर करना जारी रखा हुआ है। ईरान के तेल निर्यात को कई अधिकार क्षेत्रों में अवैध शिपिंग सुविधाकर्ताओं के एक नेटवर्क द्वारा सक्षम किया जाता है, जो भ्रम और धोखे के माध्यम से, एशिया में खरीदारों को बिक्री के लिए ईरानी तेल लोड और परिवहन करते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के ईरान पर अधिकतम दबाव अभियान के तहत यह कार्रवाई की जा रही है, ताकि अस्थिर गतिविधियों को वित्तपोषित करने के लिए इस्तेमाल होने वाला राजस्व का प्रवाह को रोका जा सके।