अमेरिका एक ऐसा परमाणु बम बना रहा है, जो 1945 में हिरोशिमा पर गिराए गए बम से 24 गुना ज्यादा ताकतवर माना जा रहा है। अगर इसे मॉस्को पर गिराया जाएगा तो ये 3 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले सकता है। वहीं करीब 8.68 लाख लोग घायल होंगे। ये परमाणु बम 1960 के दशक में कोल्ड वॉर के दौरान बनाए गए B61 ग्रैविटी बम का ही एक टाइप है।
B61-13 बम के जरिए राष्ट्रपति बाइडेन को कुछ कठिन और बड़े क्षेत्र वाले मिलिट्री टारगेट्स के लिए विकल्प मिल पाएंगे। साथ ही इससे विरोधियों के खिलाफ अमेरिका को मजबूत करने और उसके सहयोगियों का भरोसा बनाए रखने में भी मदद मिलेगी।
बम सही मायने में कितना ताकतवर है। हालांकि, अधिकारियों ने कहा है कि ये पुराने वर्जन B61-7 के लेवल पर विस्फोट करने में सक्षम होगा। B61-7 परमाणु बम की क्षमता 360 किलोटन TNT के बराबर थी। ये दूसरे विश्व युद्ध में जापान के हिरोशिमा पर गिराए गए 15 किलोटन बम की क्षमता से करीब 24 गुना ज्यादा थी।
बम जिस जगह फटेगा, वहां से आधे मील के रेडियस में जो भी होगा वो आगे के गोले के साथ भांप बन कर उड़ जाएगा। वहीं आसपास की इमारतें तबाह हो जाएंगी और करीब डेढ़ किमी के दायरे में मौजूद सभी लोगों की मौत हो जाएगी।
3.2 किमी के अंदर मौजूद हर व्यक्ति पर रेडिएशन का असर इतना होगा कि उसकी अगले 1 महीने में मौत हो जाएगी। तो वहीं बचे हुए लोगों में से करीब 15% की बाद में कैंसर से मरने की आशंका है।
2 मील के इलाके में बम विस्फोट से इमारतें ढह जाएंगी, आग लगने की आशंका बहुत ज्यादा होगी और मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ेगा। इसके अलावा कई लोग बुरी तरह झुलस जाएंगे और गंभीर बीमारियां भी होंगी।