छत्तीसगढ़ में जोगी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी को सुकमा के SP सुनील शर्मा ने लेटर लिखा है। SP ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए अमित जोगी को नक्सल प्रभावित इलाका चिंतलनार जाने से मना किया है। लेटर से खफा अमित जोगी ने ट्वीट कर कांग्रेस सरकार को घेरा है। उन्होंने लिखा है कि, ऐसा मत कीजिए, ‘मैं न तो बुलेट से डरता हूं और न ही भूपेश से’। हमारी पार्टी को मिल रहे जन समर्थन से सरकार घबरा गई है।
मत कीजिये।मैं चुप नही बैठूँगा।न मैं बुलेट से डरता हूँ और न भूपेश से क्योंकि छत्तीसगढ़ महतारी और मेरे स्वर्गीय पिता @ajitjogi_cg जी का आशीर्वाद सदैव मेरे ऊपर है।मेरी चिता देखने की मंशा रखने वाले अगर मेरी चिंता करने की बात करें तो न वो अच्छा लगता है और न सच्चा..(2/2)@ANI @PTI_News
— Amit Ajit Jogi (@amitjogi) March 2, 2023
दरअसल, SP ने लिखा है कि, गर्मियों में नक्सलियों का TCOC चलता है। इस दौरान वे किसी न किसी तरह की वारदातों को अंजाम देने की कोशिश करते रहते हैं। चिंतलनार गांव नक्सल प्रभावित इलाका है। इलाके में नक्सल मूवमेंट की सूचना लगातार मिल रही है। इसलिए VIP मूवमेंट से पहले रोड ओपनिंग पार्टी को निकालना होता है। लेकिन कम समय में यह संभव नहीं है। SP ने कहा कि 3 मार्च की यात्रा को स्थगित कर कोई नई तिथि दी जाए।
यह पत्र मुझे अभी मिला है। नक्सलियों के डर से अतिमहत्वपूर्ण व्यक्तियों को चिंतलनार नही जाने की मुझे सूचना दी गयी है। मैं अतिमहत्वपूर्ण नही हूँ, बस्तर-सुकमा का विकास मेरे लिये अतिमहत्वपूर्ण है। चिंतलनार जाने से रोकना मेरे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है। मैं चिंतलनार जाऊंगा ।@ANI pic.twitter.com/yIvzFv449p
— Amit Ajit Jogi (@amitjogi) March 3, 2023
SP के लेटर के बाद अमित जोगी ने सरकार को घेरा है। अमित जोगी ने कहा कि, मेरे बस्तर प्रवास के दौरान हमारी पार्टी को अपार समर्थन मिला है। जिसकी इंटेलीजेंट्स रिपोर्ट पाकर सरकार घबरा गई है। इसलिए मुझे चिंतलनार जाने से रोका जा रहा है। अमित ने कहा कि सरकार मेरी चिंता न करें। मैं चुप नहीं बैठूंगा। मैं न बुलेट से डरता हूं और न भूपेश से। क्योंकि छत्तीसगढ़ महतारी और मेरे पिता अजित जोगी जी का अशीर्वाद मेरे साथ है। अमित ने कहा कि, मेरी चिता देखने की मंशा रखने वाले अगर मेरी चिंता करने की बात करें तो न वो अच्छा लगता है और न सच्चा।
बस्तर में डेरा जमाए हुए हैं अमित
अमित जोगी पिछले 3-4 दिनों से बस्तर में ही डेरा जमाए हुए हैं। अलग-अलग तारीखों में उन्होंने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ विभिन्न मुद्दों को लेकर पहले जगदलपुर और फिर बीजापुर के कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव किया है। राज्यपाल के नाम अफसरों को ज्ञापन भी सौंपा है। वहीं आज 3 मार्च को वे सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित चिंतलनार जाने वाले थे। लेकिन इस बीच सुकमा के SP की मनाही के बाद उन्हें जाने नहीं दिया गया।