देश की आजादी की 75वां वर्षगांठ पर इस बार आजादी का अमृत महोत्सव देशभर में मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में देश के लगभग सभी ऐतिहासिक स्थल रात में तिरंगे की रोशनी से जगमगा रहे हैं। इसके बावजूद भी उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित विश्व प्रसिद्ध ताजमहल अंधेरे में डूबा हुआ है। बहुत लोगों को नहीं मालूम होगा कि ऐसा क्यों है, आइए जानते हैं।
देशभर में आजादी के अमृत महोत्सव की धूम
दरअसल, देशभर में आजादी के अमृत महोत्सव की धूम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर सोशल मीडिया प्रोफाइल्स की डीपी को बदलकर तिरंगा लगाया जा रहा है और हर घर पर तिरंगा फहराने की तैयारी भी है। इसके अलावा सरकारी संस्थानों और स्मारकों को तिरंगे की रोशनी में जगमगाया जा रहा है। आगरा में भी ऐतिहासिक इमारतों को सजाया गया है जबकि ताजमहल में ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं है।
1997 में आखिरी बार ताज रोशनी से जगमगाया
कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछली बार 1997 में एक शो के दौरान ताजमहल को रोशनी से जगमगाया गया था, इस कार्यक्रम की अगली सुबह ताजमहल परिसर में कई कीड़े मरे हुए थे। इसके बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की रासायनिक शाखा ने इसकी जांच की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। इसके बाद ताजमहल में किसी भी तरह की रोशनी की इजाजत नहीं दी, क्योंकि कीड़ों के मरने की वजह से ताजमहल पर दाग बन जाता था।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान आई ताज की जगमग तस्वीर
हालांकि रोशनी से जगमगाए ताजमहल की सबसे चर्चित फोटो वह रही जब द्वितीय विश्व युद्ध में मित्र देशों के सामने जर्मनी की सेना ने आत्मसमर्पण किया था। उस समय भारत के मित्र देशों की सेनाओं के लिए आगरा के ताजमहल में ग्रैंड सेलिब्रेशन आयोजित किया था। बताया जा रहा है कि उस समय ताजमहल दूधिया रोशनी से जगमगाया था। उसकी कई तस्वीरें चर्चा में बनी रहीं।
फिलहाल एक बार फिर ताजमहल में रोशनी ना जगमगाने का मुद्दा छाया हुआ है। लेकिन उसका असली कारण यह है कि इसके चलते वहां कीड़े मर जाते हैं और उससे ताजमहल पर दाग पड़ जाते हैं।