पेंड्रा में मिली भगवान श्रीराम-लक्ष्मण की प्राचीन मूर्ति, खुदाई के दौरान पिलर और कई अवशेष भी मिले

क्षेत्रीय

छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में भगवान श्रीराम-लक्ष्मण की प्राचीन मूर्ति मिली है। इससे पहले भी इस क्षेत्र में हिन्दू देवी देवताओं और जैन तीर्थकरों की मूर्ति मिल चुकी हैं। धनपुर के पास शहर खेरवा में जेसीबी से खेत बनवाने के दौरान भगवान श्रीराम लक्ष्मण की प्राचीन मूर्ति निकली। इसके साथ ही पिलर और अन्य अवशेष मिले। 10वीं शताब्दी के होने की संभावना है किसान ने मूर्ति को सुरक्षित रख दिया है। धरनपुर में अब तक बड़ी संख्या में मूर्तियां मिल गई है। इसके बावजूद शासन और पुरातत्व विभाग इसे लेकर गंभीर नहीं है। हिन्दू देवी देवता और जैन तीर्थांकरों की आठवीं, दसवीं शताब्दी या उससे पहले या कल्चुरी कालीन हो सकती हैं। किवदंती है कि पांडवों ने एक वर्ष के अज्ञातवास बिताया था, भीम ने खोदे 360 तालाब खोदे थे। संभावना है पांडवकालीन अवशेष भी हो सकते हैं । पेंड्रा से 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पौराणिक, ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व के ग्राम धनपुर में सोमवार को एक किसान द्वारा जेसीबी से खेत बनवाने के दौरान जमीन में दबे हुए एक शिला में भगवान श्रीराम लक्ष्मण की मूर्ति, पिलर और अन्य अवशेष मिलने के बाद खोदाई का काम रुकवा दिया गया है। ज्ञात हो कि पिछले कुछ दशकों में अब तक बड़ी संख्या में मूर्तियां मिल चुकी है। इधर-उधर बिखरे पड़े मूर्तियों की चोरी हो चुकी हैं। बहुत सी मूर्तियां ग्रामीणों के घर, आंगन, बाड़ी में हैं। अब तक मिली सभी प्राचीन मूर्तियां हिन्दू देवी देवता और जैन तीर्थांकरों की हैं। ग्रामीणों का मत है कि शासन और पुरातत्व विभाग को धनपुर में सर्वे कराना चाहिए जिससे कि जमीन के अन्दर का इतिहास सामने आ सके।

प्राचीन अवशेष के संबंध में किसान ने बताया कि वह अपने भर्री, टिकरा भूमि को जेसीबी से खोदवाकर खेत बनवा रहा था, उन्होंने बताया पिछले वर्ष भी खेत बनवाने का प्रयास किया था लेकिन उस समय भी खोदाई में मूर्ति और प्राचीन अवशेष मिलने के कारण खेत बनवाने का काम बंद कर दिया था। ज्ञात हो कि धनपुर में शहर खेरवा का नाम सैकड़ों वर्षों पूर्व से ग्रामीणों द्वारा रखा गया था। शहर खेरवा नाम रखना के पीछे ग्रामीणों का तर्क है कि शहर खेरवा इलाके के आसपास की कई एकड़ की जमीन में कोई शहर दबा हुआ हो सकता है क्योंकि यहां पर की जमीन में जब भी किसी भी ग्रामीण खोदाई करवाया है तो उसे कोई ना कोई प्राचीन अवशेष अवश्य मिले। यहां यह बताना भी जरूरी है कि पास ही के सुरंगटोला नामक मोहल्ला में भी खोदाई में प्राचीन अवशेष मिलते हैं। सुरंगटोला में स्वयंभू शिवलिंग भी है, जहां मन्दिर का निर्माण करा दिया गया है।