उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित सिखों के धार्मिक स्थल श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा 20 मई से शुरू होने जा रही है। तकरीबन सात महीनों के बाद श्री हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने जा रहे हैं। यात्रियों को दिक्कत ना हो, इसके लिए इंडियन आर्मी के जवान यहां दिन रात काम में जुटे हैं और 15 फीट से अधिक ऊंची बर्फ की चादर में रास्ता बना रहे हैं।
हर साल सर्दियों में बर्फबारी शुरू होने से पहले हिमालय की पहाड़ियों में बने श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। 6 से 7 महीनों तक यह कपाट बंद रखे जाते हैं। फिलहाल, गुरुद्वारा साहिब के मैनेजर गुरनाम सिंह और सेवादार भी आर्मी के साथ पहुंच चुके हैं। बीते दिनों ही आर्मी के जवानों के साथ मैनेजर गुरनाम सिंह ने सुख-शांति के लिए अरदास भी की।
उत्तराखंड के हेमकुंड साहब की यात्रा के लिए बर्फ के बीच से रास्ता बनाते सेना के जवान। 20 मई से शुरू होनी है यात्रा। पूरा मार्ग अभी बर्फ से है लकदक। pic.twitter.com/uyF6QCs3ts
— SANJAY TRIPATHI (@sanjayjourno) April 28, 2023
अटकोली ग्लेशियर से बनाया गया रास्ता
श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा तक रास्ता बनाने के लिए 418 इंजीनियरिंग कोर के जवान जुटे हुए हैं। बीते दिनों सैनिकों ने अटलाकोटी ग्लेशियर से 4 फीट बर्फ काटी और रास्ता बनाया। अब यह जवान आस्था पथ से बर्फ हटाने में जुटे हुए हैं।
ताजी बर्फबारी के कारण आ रही दिक्कतें
वेस्टर्न डिस्टरबेंस का असर उत्तराखंड की पहाड़ियों पर भी देखने को मिल रहा है। बीते कुछ दिनों से लगातार उत्तराखंड की पहाड़ियों पर भी मौसम नासाज बना हुआ है। वहीं आने वाले मई महीने की शुरुआत में भी मौसम दोबारा से खराब होने के आसार है। ऐसे में सेना के जवानों को भी रास्ता बनाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।