निर्देशक ओम राउत की फिल्म ‘आदिपुरुष‘ पर विवाद अभी थमता हुआ नहीं दिख रहा है। टीजर रिलीज के बाद से इस पर राजनीतिक पार्टियों, हिंदू संगठनों और कलाकारों के रिएक्शन आ रहे हैं। ‘आदिपुरुष‘ के टीजर में रावण और हनुमान के लुक पर आपत्ति जताई जा रही है। फिल्म की कहानी रामायण पर आधारित है। टीवी सीरियल ‘रामायण‘ के एक्टर्स सुनील लहरी, दीपिका चिखलिया के बाद अब अरुण गोविल ने एक वीडियो शेयर कर अपनी बात रखी है। अरुण गोविल ने कहा कि मेकर्स को यह ध्यान रखना चाहिए कि क्रिएटिविटी के नाम पर वो धार्मिक भावनाओं को आहत ना करें। उन्होंने कहा कि यह केवल सनातन धर्म में ही देखा जाता है कि लोग मजाक उड़ाते हैं जबकि अन्य धर्मों के साथ ऐसा नहीं होता।
वीडियो शेयर कर रखी अपनी बात
अरुण गोविल ने अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो शेयर किया है। उन्होंने कहा, ‘आदिपुरुष का जब टीजर रिलीज हुआ तब से लेकर अभी तक चारों तरफ एक हंगामा है। हर तरफ इसकी चर्चा है। मेरे पास सैकड़ों फोन आए हैं। चैनलों की ओर से फोन आए हैं और वो टीजर पर मेरा रिएक्शन जानना चाहते थे। सच बताऊं तो मैंने किसी से भी एक शब्द नहीं कहा। मैंने उनसे कहा- “मुझे कुछ नहीं कहना है” लेकिन मुझे लगा कुछ बातें आपसे करनी चाहिए। इस हंगामे को लेकर मुझे लगा कि ये सही समय है जब मैं अपनी बात आपसे शेयर कर सकूं। ध्यान से सुनिएगा… रामायण, महाभारत, श्रीमद्भागवत जैसे जितने भी ग्रंथ हैं, शास्त्र हैं, ये हमारे धरोहर हैं… ये हमारी संस्कृति है… ये हमारी जड़ है। सारी मानव सभ्यता के लिए ये नींव के समान है। ना तो नींव को हिलाया जा सकता है और ना ही जड़ को बदला जा सकता है। नींव या जड़ से किसी भी तरह का खिलवाड़ और छेड़छाड़ बिल्कुल भी ठीक नहीं है।‘
‘सबसे प्राचीन संस्कृति हमारी‘
अरुण गोविल कहते हैं, ‘हमारी संस्कृति विश्व की सबसे की सबसे प्राचीन संस्कृति है। हमारी पीढ़ी इसे युगों युगों से आत्मसात करती आ रही है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, ढाई साल पहले जब कोरोना आया था तो हमारी धार्मिक मान्यताएं अधिक पुष्ट हुईं। कोरोना के वक्त जब रामायण का प्रसारण हुआ तो एक रिकॉर्ड बना। यह बहुत बड़ा संकेत है हमारी मान्यताओं का। 35 साल पहले बनी रामायण को आज की पीढ़ी ने भी देखा और उसे आत्मसात किया। मुझसे जो लोग मिलते हैं उसमें सबसे अधिक संख्या टीनएजर की होती है।‘
धार्मिक धरोहरों से छेड़छाड़ की ना मिले इजाजत
‘500 साल के संघर्ष के बाद हमें राम मंदिर के पक्ष में निर्णय मिला और वहां पर एक भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है जो 2024 तक पूरा भी हो जाएगा। सराहना करने वाली बात है कि मंदिर को भव्यता के साथ-साथ उसकी मौलिकता को ज्यों का त्यों रखकर ये मंदिर बन रहा है। हमें सभी सांस्कृतिक, धार्मिक धरोहरों से ना तो छेड़छाड़ करना चाहिए ना ही किसी और को करने देना चाहिए। कोई भी अपनी नींव हिलाता है क्या?‘
फिल्ममेकर्स को दी सलाह
अरुण गोविल आगे कहते हैं, ‘आजकल ये चलन सा बनता जा रहा है सनातन धर्म का मजाक बनाओ, देवी देवताओं के आपत्तिजनक पोस्टर बनाओ, अभद्र भाषा में बोलता हुआ दिखाओ, आखिर किसने अधिकार दे दिया कोई हमारी धार्मिक धरोहरों से छेड़छाड़ करे या हमारी भावनाओं को आहत करे। कुछ फिल्ममेकर्स, कुछ राइटर्स, कुछ पेंटर्स को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि वो क्रिएटिव स्वतंत्रता के नाम पर धर्म का मजाक ना बनाएं और ना ही किसी की मान्यता और परंपरा को तोड़ मोड़ के प्रस्तुत करें।‘ आखिर में अरुण गोविल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया और कहा कि वो धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहरों को संजोने के काम में लगे हए हैं।