हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (World Mental Health Day) मनाया जाता है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरनेशनल लेवल पर आठ में एक शख्स मेंटल डिसऑर्डर (mental disorder) का शिकार है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के दिन दुनियाभर में इसे लेकर लोगों के बीच जागरूकता फैलाई जाती है.
आजकल के समय में स्ट्रेस और डिप्रेशन की समस्या लोगों के बीच काफी आम हो गई है. इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे काम का प्रेशर, फाइनेंशियल दिक्कत या रिलेशनशिप में होने वाली समस्याएं.
डिप्रेशन एक मेंटल डिस्ऑर्डर है जिसके कारण व्यक्ति खुद को उदास, निराश और मूल्यहीन महसूस करने लगता है. डिप्रेशन के कारण किसी भी व्यक्ति के दैनिक जीवन पर भी इसका बुरा असर पड़ता है. आज हम आपको डिप्रेशन के कुछ शुरुआती संकेतों के बारे में बताने जा रहे हैं.
डिप्रेशन के शुरुआती संकेत-
लगातार दुखी और अकेलेपन की भावना- डिप्रेशन की वजह से कई बार व्यक्ति हफ्तों या महीनों तक काफी दुखी और अकेलापन महसूस करने लगता है.
किसी काम में रुचि ना होना- डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति को किसी भी काम या एक्टिविटी को करने में ना तो कोई मजा आता है और ना ही कोई रुचि होती है.
भूख और वजन में बदलाव- डिप्रेशन के कारण व्यक्ति की भूख में बदलाव देखने को मिलता है. इसके कारण व्यक्ति का एकदम से वजन कम होना या बढ़ना शुरू हो जाता है.
नींद में खलल- डिप्रेशन में नींद की समस्या काफी आम है. इस समस्या के कारण लोगों को कई बार या तो बिल्कुल भी नींद नहीं आती या फिर जरूरत से ज्यादा नींद आती है.
थकान और एनर्जी कम महसूस होना- पूरी रात की नींद के बाद भी लगातार थकान, ऊर्जा की कमी महसूस करना डिप्रेशन का एक खास लक्षण है.
ध्यान लगाने में दिक्कत- डिप्रेशन व्यक्ति की ध्यान केंद्रित करने, निर्णय लेने और चीजें याद रखने की क्षमता को खराब कर सकता है, जिससे उनके काम पर असर पड़ सकता है.
अपराधबोध या निराशा की भावनाएं- डिप्रेशन से ग्रस्त व्यक्ति अक्सर नकारात्मक विचारों, अपराधबोध या बेकार की फीलिंग्स और भविष्य के बारे में निराशा की भावना का अनुभव करते हैं.
जरूरत से ज्यादा गुस्सा- डिप्रेशन के कारण लोगों में चिड़चिड़ापन और छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आना नजर आ सकता है.
सामाजिक मेलजोल कम होना- डिप्रेशन से ग्रस्त व्यक्ति खुद को दोस्तों, रिश्तेदारों और सोशल एक्टिविटीज से पूरी तरह से दूर कर लेते हैं.
मौत और आत्महत्या के विचार- डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति को अक्सर लगातार मौत और आत्महत्या के ख्याल आते हैं. इस तरह के ख्याल आना डिप्रेशन की सबसे खतरनाक स्थिति होती है.