CM योगी के कठमुल्ला वाले बयान पर असदुद्दीन ओवैसी का पलटवार… कहा..

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उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उर्दू को लेकर दिए गए बयान पर AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तीखा पलटवार किया है. सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश की विधानसभा में कहा था कि सपा उर्दू को बढ़ावा देने की बात करती है, जबकि उनकी सरकार का उद्देश्य बच्चों को मौलवी नहीं, बल्कि अच्छा नागरिक बनाना है. सीएम के इस बयान में उर्दू को ‘कठमुल्लापन’ से जोड़ते हुए यह आरोप लगाया गया था कि समाजवादी पार्टी बच्चों को मौलवी बनाने की कोशिश कर रही है ओवैसी ने इस बयान के जरिए योगी आदित्यनाथ के नजरिए को चुनौती दी और सवाल किया कि क्या केवल उर्दू को जानने से कोई मौलवी बन जाएगा? ओवैसी ने यह भी कहा कि उर्दू केवल मुसलमानों की भाषा नहीं है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “रघुपति सहाय फिराक, जो एक प्रसिद्ध उर्दू कवि थे, गोरखपुर से थे, जो योगी आदित्यनाथ का गृह शहर है. फिराक मुस्लिम नहीं थे, लेकिन उन्होंने उर्दू को अपनी लेखनी का हिस्सा बनाया.” ओवैसी ने यह भी स्पष्ट किया कि उर्दू भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है और इसे लेकर किसी भी प्रकार के पूर्वाग्रह की कोई आवश्यकता नहीं है.ओवैसी ने आगे कहा, “यह सही नहीं है कि हर मुसलमान उर्दू बोलता है, लेकिन उर्दू भारत की स्वतंत्रता संग्राम की भाषा रही है.” ओवैसी ने यह भी उदाहरण दिया कि यदि आप केरल या कर्नाटक जाएं तो वहां के मुसलमान उर्दू नहीं बोलते, बल्कि अपनी क्षेत्रीय भाषाओं का प्रयोग करते हैं. अब उर्दू को लेकर जो मानसिकता दिखाई जा रही है, वह पूरी तरह से गलत है और इसे राष्ट्रीय एकता के खिलाफ समझना चाहिए.

योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में समाजवादी पार्टी पर हमला करते हुए आरोप लगाया था कि सपा अपनी शिक्षा नीति में उर्दू को बढ़ावा देती है, जबकि उनकी सरकार का उद्देश्य बच्चों को अंग्रेजी माध्यम से उच्च शिक्षा देना है. योगी ने कहा था कि समाजवादी पार्टी उर्दू को बच्चों पर थोपने की कोशिश कर रही है और यह देश को ‘कठमुल्लापन’ की ओर ले जाएगी, जो कि देश की प्रगति के लिए हानिकारक होगा.