दो बार बोर्ड एग्जाम को लेकर बोलीं आतिशी, ‘अगर बच्चों को फायदा मिलेगा, तो यह अच्छा है..’

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दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने दिल्ली सेवा कानून पर सवाल खड़े किए हैं. आतिशी ने बताया कि दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव ने नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी की बैठक कराने के लिए 10 पेज की चिट्ठी लिखकर विभागों के बीच कोऑर्डिनेशन बनाने से संबंधित आदेश को मानने से इनकार कर दिया है.

आतिशी के मुताबिक चीफ सेक्रेटरी ने 21 अगस्त को जनता द्वारा चुनी हुई सरकार का आदेश मानने से मना किया है. उन्होंने कहा कि चुनी सरकार से सलाह लिए बिना मामले अथॉरिटी को भेजे गए. इसे लेकर आतिशी ने कहा कि नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी (NCCSA) एक गैर कानूनी एक्ट है. मंत्री के मुताबिक विभागों के साथ कोऑर्डिनेशन के बिना अथॉरिटी में फैसला लेना मुश्किल होगा.

इसके अलावा दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत बच्चों को बोर्ड एग्जाम के दो मौके देने पर भी बयान दिया. आतिशी दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्रालय भी संभालती हैं. उन्होंने कहा कि अगर बच्चों को बोर्ड एग्जाम के दो मौके मिलेंगे, तो यह अच्छी बात है. क्योंकि एक एग्जाम को लेकर काफी प्रेशर होता है. अगर यह आदेश बच्चों को फ्लेक्सिबिलिटी देता है, तो यह अच्छा है. लेकिन हम इस पूरे आदेश को पढ़ रहे हैं.

बोर्ड एग्जाम को लेकर केंद्र सरकार ने क्या नियम बदला?

आपको बता दें कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (NCF-2023) लॉन्च कर दी है. ये करीकुलम फ्रेमवर्क करीब 36 साल से चली आ रही भारतीय शिक्षा प्रणाली को पूरी तरह से बदल सकता है. इसे नई शिक्षा नीति (New Education Policy) 2020 के तहत केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने तैयार किया है. करीकुलम फ्रेमवर्क में भारत में कक्षा 1 से 12वीं तक बच्चे कैसे पढ़ेंगे, क्या सीखेंगे, कैसे सीखेंगे, असेंबली कैसे होंगी, बैग किताबें कैसी होंगी, छात्रों की प्रतिभा का मूल्यांकन कैसे होगा आदि कई बड़े बदलाव प्रस्तावित किए गए हैं. इन्हीं में से एक बदलाव यह भी है कि बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी और छात्रों को बेस्ट स्कोर लाने की अनुमति दी जाएगी.