अतीक अहमद और उसके भाई की हत्या हो जाने के बाद, माफिया राज के काले कारनामों का सच एक-एक करके बाहर आ रहा है. सामने आया है कि अतीक अहमद जेल ही फोन करके धमकियां देता था, और फिर उसका बेटा असद ग्राउंड पर उन धमकियों के अनुसार ही एक्शन लेता था. पहले भी कई खबरों में ये बताया जा चुका है, अतीक के गुर्गों के बीच असद की भी अच्छी-खासी ‘इज्जत’ थी और वे सब 20 साल के असद को छोटे सांसद कहकर बुलाते थे. असद इसी के बल पर अपना भौकाल बना कर रखता था और फिर अतीक के इशारों पर लोगों से वसूली करता था.
जेल से दी थी बिल्डर मुस्लिम को धमकी
इस मामले में जो सबसे बड़ी बात खुल कर सामने आई है, वह यह है कि इसी साल की शुरुआत में अतीक अहमद ने जेल से ही एक बिल्डर मोहम्मद मुस्लिम को धमकी दी थी. ये धमकी पैसे देने के लिए दी गई थी. इसके बाद 9 जनवरी को अतीक के बेटे असद ने मोहम्मद मुस्लिम को फोन किया था. मुस्लिम ने फोन नहीं उठाया तो असद ने उसे धमकी भरा मैसेज भेजा. इस मैसेज से बिल्डर डर गया और फिर उसने फोन उठाया. इसके बाद असद और मोहम्मद मुस्लिम की बातचीत शुरू हुई. इस बातचीत का जो ऑडियो सामने आया है, उससे ये जाहिर हो रहा है कि ये बातचीत उमेश पाल हत्याकांड के लिए पैसे जुटाने के लिए की जा रही है.
असद- हेलो
बिल्डर- हम्म.. फोन किए थे,
असद- उमर भाई से मिलिए जा कर जेल , वो पांच तारीख को आ रहे हैं पेशी पर
बिल्डर- हम यार कचहरी में हमको न बुलाओ
असद- क्या हुआ कचहरी में
बिल्डर- जेल वेल हम न जा पाएंगे कोई मैसेज हो तो बताओ,
असद- नही वो, मुलाकात करना चाह रहे हैं, ये हम कह रहे हैं.
बिल्डर- तो मुलाकात कर लिया जाता है..
असद-तो कैसे हो.. पेशी पर नहीं आ पाएंगे आप..
बिल्डर- पेशी पर न बुलाओ हमको यार, क्योंकि हम वहां जाते भी नहीं है कचहरी-वचहरी ज्यादा
असद- तो फिर कैसे मुलाकात होगी
बिल्डर- मुलाकात हम तुम कर लेंगे कहीं पे, जहां तुम कहोगे.
असद- नहीं-नहीं उमर भाई से मिलना था आपको
बिल्डर – उमर से मिलना है तो चलो, हम देखते हैं, चूंकि हम कचहरी बहुत कम जाते हैं न
एक बार वहां मुलाकात हो गई थी उन लोगों से.
असद- हम्मम
बिल्डर- कोई मैसेज हो तो बता देना,
असद- चलिए ठीक है,
हम क्या बताएं एक कहावत है न खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है,
इसके साथ ही, सामने आया है कि असद ने बिल्डर को मैसेज भी किया था. इस मैसेज में लिखा था, ‘बहुत ज्यादा गलत कर रहे हो. परसों तक 1 चाहिए कोई भी कीमत पर. कुछ भी रखा हो तो कल तक चाहिए. जरूरत है, बहुत जरूरत है.’