भतीजे के प्यार में अंधी चाची, ‘चाचा को हार्ट अटैक नहीं आया, भतीजी ने देखा था दोनों को गला दबाते

उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर स्थित बीबीनगर थाना क्षेत्र के गांव परतापुर में गत आठ सितंबर की रात को हुई ओमपाल की मौत ने तब नया मोड़ ले लिया, जब उनकी भतीजी ने दो दिन बाद बुधवार को परिजनों से कहा कि चाचा की हत्या चाची और ताऊ के बेटे ने मिलकर की है। जिसके बाद मृतक ओमपाल के भाई ने थाने पर मृतक की पत्नी व बड़े भाई के पुत्र के खिलाफ तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने दोनों नामजद को जब हिरासत में लिया तो उन्होंने हत्या करने की बात कबूल कर ली है। पुलिस ने दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। गांव परतापुर निवासी करन सिंह ने बताया कि उनका भाई 40 वर्षीय ओमपाल सिंह मजदूरी कर अपना व परिवार का पालन पोषण करता था। उनका भाई उनके पड़ोस में ही पत्नी और बच्चों के साथ रहता था। गत आठ सितंबर को ओमपाल अपने घर पर खाना खाकर सोया था, सुबह उनके न उठने पर देखा तो उसकी मौत हो चुकी थी। परिजनों ने इसे स्वाभाविक व दिल का दौरा पड़ने से मौत होना समझकर अंतिम संस्कार कर दिया था। पुलिस को भी सूचना नहीं दी गई और शव का पोस्टमार्टम भी नहीं कराया गया।

लेकिन, चाचा की मौत के बाद से करन सिंह की 12 वर्षीय पुत्री गुमसुम रहने लगी। बुधवार को जब परिजनों ने उससे गुमसुम रहने का कारण पूछा तो उसने कहा कि ओमपाल चाचा की हत्या की गई है। बच्ची ने बताया कि घटना वाली रात वह भी ओमपाल चाचा के घर पर ही सोने के लिए गई थी। देर रात में जब उसकी आंख खुलीं तो देखा कि उसकी चाची प्रीति ने चाचा ओमपाल के हाथ पकड़े हुए थे और ताऊ के बेटे अभय (जो खुद ओमपाल का ही सगा भतीजा है) ने चाचा का चुन्नी से गला दबाकर हत्या कर दी थी। दोनों को लगा था कि बच्ची सो रही है, लेकिन वह सब देख रही थी।

यह मामला सामने आते ही करन सिंह व परिजनों के होश उड़ गए। उन्होंने तत्काल थाना पुलिस को मामले की सूचना दी। जिस पर थाना पुलिस ने दोनों नामजद आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की और दोनों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पूछताछ में दोनों ने बताया कि उनके बीच दो वर्ष से प्रेम प्रसंग चल रहा है। इसलिए वह दोनों अब साथ रहना चाहते थे। लेकिन, ओमपाल इसका विरोध करता था। इसी के चलते आठ सितंबर की रात को ओमपाल के सोते ही उन्होंने वारदात को अंजाम दे डाला। पुलिस ने आरोपियों के पास से वारदात में प्रयुक्त चुन्नी को बरामद किया हैसाथ ही पूछताछ के बाद दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है

12 वर्षीय बच्ची की बहादुरी की चर्चा पूरे गांव में हो रही है। जहां एक तरफ लोग इस मासूम की समझदारी की सराहना कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर प्रीति और अभय के रिश्ते और इस घिनौनी साजिश को लेकर रोष व्याप्त है।पुलिस ने बताया कि जब आरोपियों से पूछताछ की तो उन्हें लगा कि ओमपाल की दोनों बेटी और भतीजी तीनों सो रहे हैं। लेकिन, उन्हें इसका जरा भी एहसास नहीं था कि भतीजी ने पूरी वारदात को अंजाम देते हुए देख लिया है। यदि, बच्ची इस बात को अपने परिजनों को नहीं बताती तो संभव है कि कभी भी ओमपाल की हत्या का राज नहीं खुल पाता।

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