तमिलनाडु के एक मंदिर से चोरी हुई भगवान हनुमान की करीब 500 साल पुरानी मूर्ति ऑस्ट्रेलिया ने भारत को लौटा दी है. इसे ऑस्ट्रेलिया में स्थित भारतीय दूतावास को सौंप दिया गया. केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास मंत्री जी. किशन रेड्डी ने इस संबंध में ट्वीट करते हुए कहा कि भारत सरकार देश की सभी बेशकीमती चीजों को वापस लाने की दिशा में काम कर रही है. अपने इस ट्वीट में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी टैग किया.
उन्होंने आगे कहा कि चोल काल के दौरान 14वीं-15वीं शताब्दी में विष्णु मंदिर से भगवान हनुमान की धातु की मूर्ति चोरी हो गई थी. उन्होंने यह भी कहा कि अब तक अलग-अलग देशों से 251 पुरावशेष प्राप्त किए गए हैं. पीएम मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि हम अपनी बेशकीमती विरासत को घर वापस लाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं.
मूर्ति तमिलनाडु के अरियालुर जिले के पोट्टावेली वेल्लुर क्षेत्र में एक विष्णु मंदिर, श्री वरथराजा पेरुमल से चोरी हो गई थी. यह 1961 में तब के पांडिचेरी के फ्रांसीसी संस्थान द्वारा डॉक्यूमेंटेड किया गया था. मूर्ति को फरवरी के अंतिम सप्ताह में भारत वापस कर दिया गया था और 18 अप्रैल को केस प्रॉपर्टी के रूप में तमिलनाडु आइडल विंग को सौंप दिया गया था.
दावा- चोरी के बारे में नहीं थी जानकारी
एएसआई के मुताबिक 9 अप्रैल, 2012 को अरियालुर जिले के वेल्लुर गांव में वरदराजा पेरुमल मंदिर से श्री देवी की मूर्ति और बूदेवी की मूर्ति के साथ ये मूर्ति चोरी हो गई थी. मार्च 2014 में ऑस्ट्रेलिया में एक खरीदार को इस मूर्ति की नीलामी की गई. जांच के बाद मूर्ति के बारे में पता लगा लिया गया था. इस मामले में तमिलनाडु आइडल विंग की मदद यूएस होमलैंड सिक्योरिटी ने की थी. न्यूयॉर्क में स्थित नीलामी घर में इस मूर्ति की नीलामी की गई थी. ऑस्ट्रेलियाई खरीदारों का दावा है कि उन्हें मूर्ति चोरी के चोरी की होने के बारे में जानकारी नहीं थी.