अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम अपने आखिरी चरण में है. 22 जनवरी 2024 तारीख को प्राण प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री के द्वारा की जाएगी. इस बीच उम्मीद की जा रही है कि उत्तर प्रदेश सरकार बच्चों को राम मंदिर निर्माण का इतिहास और उसके बारे में स्कूलों पढ़ा सकती है. माना जा रहा है कि नई शिक्षा नीति के तहत यूपी के प्राइमरी स्कूलों के सिलेबस में राम मंदिर निर्माण को शामिल किया जा सकता है. खुद यूपी की उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने इसके संकेत दिए है
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी से जब पूछा गया कि राम मंदिर का निर्माण अंतिम चरण में है तो क्या ये माना जाए कि यूपी में NCERT बुक में राम मंदिर निर्माण का पाठ जोड़ा जाएगा. ताकि बच्चों को इसके बारे में जानकारी दी जा सके. इसपर उन्होंने कहा, ‘देखिए NEP में ये भी है कि हमारी संस्कृति के बारे में बच्चों को ज्ञान देना चाहिए. धार्मिक, पौराणिक गाथाओं के बारे में बच्चों को बताया जाए और राम मंदिर तो हमारी भावनाओं से जुड़ा हुआ विषय है. सिर्फ राम मंदिर की बात नहीं है . बल्कि उसके साथ-साथ बाकि धार्मिक, पौराणिक, आध्यात्मिक चीजों को भी पाठ्यक्रम में लेने का विचार है. ताकि बच्चों को इसके बारे में जानकारी हो सके. बच्चों को भी धार्मिक चीजों के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए. पाठ्यक्रम में चीजें होंगी.
उन्होंने कहा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में व्यक्ति का सर्वांगीण विकास करना निहित है. इसका इंप्लीमेंट करने के लिए हम लोग काम कर रहे हैं. उसमें वो सब कुछ दिया हुआ है कि व्यक्ति को अपने संस्कृति सभ्यता को लेकर आधुनिक तकनीक को लेकर किस प्रकार से आगे बढ़े. उसी को लेकर हम काम कर रहे हैं. तमाम स्कूलों में कॉलेज में और प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा तक है. इसके इंप्लीमेंट पर काम कर रहे हैं. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को हम गागर में सागर कह सकते हैं, इसमें सारी चीजें हैं. बच्चों को पूरी तरीके से आजादी दे दी गई है ताकि उनकी क्षमताओ को बाहर लाया जा सके. एनईपी के मूल में सिर्फ किताबों की पढ़ाई नहीं है, बच्चों के अंदर जो क्षमता, जो टैलेंट है उसे भी बाहर लाना है.