सीरिया से तुर्की तक B- 16 का भूकंप…सीरिया में इज़राइल का परमाणु हमला…

अंतरराष्ट्रीय

इजरायली डिफेंस फोर्सेस ने 16 दिसंबर को सीरिया के टार्टस में मौजूद एक हथियार डिपो पर एयरस्ट्राइक की। इस ऑपरेशन में स्कड मिसाइल फैसिलिटी को पूरी तरह तबाह कर दिया गया। धमाके के बाद आग का गोला और धुएं का विशाल मशरूम आसमान में कई किलोमीटर तक दिखाई दिया। इस जोरदार विस्फोट के तुरंत बाद 3 तीव्रता का भूकंप आया, जिसका असर 820 किलोमीटर दूर तुर्की के इजनिक तक महसूस किया गया। इसके 20 घंटे बाद यूरोपियन यूनियन के रेडियोएक्टिव इनवायरमेंटल मॉनिटरिंग ने तुर्की और साइप्रस में रेडिएशन का स्तर बढ़ने की पुष्टि की। टार्टस से पश्चिम की ओर बहने वाली हवाओं के कारण यह रेडिएशन दक्षिणी तुर्की और साइप्रस तक पहुंचा।

सूत्रों के अनुसार, इस स्ट्राइक में इजरायल ने संभवतः किसी नई मिसाइल का उपयोग किया। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका द्वारा विकसित कम क्षमता वाले B61 परमाणु बम का इस्तेमाल हुआ हो सकता है। इजरायल दुनिया के 9 परमाणु संपन्न देशों में शामिल है, लेकिन उसके पास मौजूद परमाणु हथियारों की सटीक संख्या सार्वजनिक नहीं है। अनुमान है कि इजरायल के पास 90 से 400 के बीच परमाणु हथियार हैं। इनका उपयोग फाइटर जेट्स, डॉल्फिन क्लास सबमरीन, और जेरिको सीरीज की मिसाइलों के जरिए किया जा सकता है। इजरायल ने आधिकारिक रूप से कभी यह स्वीकार नहीं किया कि उसके पास परमाणु हथियार हैं, न ही इसे खारिज किया। हालांकि, इजरायल की नीति है कि वह “पहले इस्तेमाल नहीं” करेगा, लेकिन इसकी पुष्टि कभी नहीं हुई।

विशेषज्ञों के अनुसार, इजरायल ने 1973 तक सूटकेस में फिट होने वाले छोटे परमाणु बम विकसित कर लिए थे। इसके अलावा, 175 से 203 मिमी तक की आर्टिलरी न्यूक्लियर गोले भी इजरायल के पास मौजूद हैं, जिनकी रेंज 40 से 72 किलोमीटर तक है। इजरायल की परमाणु रणनीति में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स (EMP) और न्यूट्रॉन बम का भी जिक्र होता है। न्यूट्रॉन बम का रेडिएशन स्तर बहुत ऊंचा होता है और यह बड़े क्षेत्र पर असर डाल सकता है। न्यूक्लियर लैंड माइंस भी इस रणनीति का हिस्सा हैं।