छत्तीसगढ़ : कोरिया के बैकुण्ठपुर अंतर्गत ग्राम चारपारा से अद्भुत नजारा सामने आया है। यहां एक तालाब में दो नाग दिखे जिनमें से एक नाग पूरे तालाब में घूमता रहता है। नाग को लोग दूध पिला रहे हैं। तालाब में डेरा डाले नाग-नागिन को देखने ग्रामीण उमड़ने लग गए हैं। ग्रामीणों के अनुसार करीब सप्ताह भर से गांव के तालाब में नाग दूध पी रहा है। जिसे देखने लोग आ रहे हैं। ग्रामीण अपने हाथों से नाग को दूध पिला रहे हैं। सांप को दूध पीता देखकर रोजाना लोग देखने पहुंच रहे हैं। ग्रामीण बता रहे हैं कि तालाब में नाग-नागिन का जोड़ा करीब हतेभर से डेरा डाला हुआ है। जो लोगों की आवाज सुनकर तालाब के किनारे आ जाता है। ग्रामीण सांप को दूध पिला रहे हैं। दूध पीने के बाद सांप वापस पानी में चला जाता है। सांप के दूध पीने की बात फैलने के बाद आसपास के गांव वाले पहुंच रहे हैं। पहले तो लोगों ने इसे सामान्य घटना माना लेकिन जब ग्रामीणों ने आए दिन नाग के जोड़ों को तालाब में देखा तो इसे दैवीय चमत्कार मानने लगे। ग्रामीणों ने इसके बाद नाग को दूध पिलाने के लिए तालाब किनारे कटोरी रखी। इस घटना के बाद मानो लोगों को लगने लगा कि सच में उनके गांव में दैवीय कृपा हुई है। ये बात आग की तरह पूरे क्षेत्र में आग की तरह फैली। इसके बाद से ही लोग हाथों में दूध की कटोरी लिए तालाब किनारे आज भी अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। गांव में चार दिन पहले उसी सांप के डसने से एक ग्रामीण की मौत हो चुकी है। ग्रामीणों का कहना है कि मृतक शराबी था। उसने नाग को पकड़ लिया था। सांप के डंसने के बाद ग्रामीण अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उसकी मौत हो गई थी। माना जा रहा था कि नाग के डसने के बाद लोगों के बीच मौत का डर फैलना था, लेकिन हुआ इसके ठीक उलटा। ग्रामीण ये मानने लगे कि शराबी ने गलती की इसलिए उसकी सजा उसे मिली। मौत के बाद भी इस तालाब के चारों तरफ लोगों की भीड़ जमा रहती है। कुछ तो नाग के दर्शन करने के लिए आते हैं लेकिन कुछ नाग को दूध पिलाने। अब ग्रामीण तालाब किनारे नाग देवता का मंदिर बनाने की बात कह रहे हैं।