बांग्लादेश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त चुनावी हेराफेरी के आरोप में गिरफ्तार

बांग्लादेश की राजधानी ढाका में रविवार देर रात एक चौंकाने वाली घटना सामने आया है। जिसमें 77 वर्षीय पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) के. एम. नूरुल हुदा पर भीड़ ने हमला किया और पुलिस ने उन्हें उनके घर से लुंगी और टी-शर्ट में गिरफ्तार कर लिया। नूरुल हुदा। जो 2017 से 2022 तक मुख्य चुनाव आयुक्त रहे। पर 2018 के आम चुनावों में हेराफेरी का आरोप है। जिसमें शेख हसीना की अवामी लीग ने भारी जीत हासिल की थी।

सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दिखाया गया है कि भीड़ ने नूरुल हुदा को उनके आवास से खींचते हुए बाहर निकाला और उनके चेहरे और सिर पर जूतों से प्रहार किया। कुछ लोगों ने उन पर अंडे भी फेंके और भीड़ में नारे लगा रही थी। यह हमला तब हुआ जब बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने हुदा और अन्य पूर्व चुनाव आयुक्तों के खिलाफ चुनावी धांधली का मुकदमा दर्ज किया। बीएनपी का आरोप है कि हुदा ने शेख हसीना को सत्ता में बनाए रखने के लिए मतदान प्रक्रिया में हेरफेरी की थी। ढाका महानगर पुलिस के उपायुक्त मोहिदुल इस्लाम ने बताया कि हुदा को चुनावी हेराफेरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह पहली बार है कि किसी पूर्व सीईसी को चुनाव से संबंधित मुद्दों पर हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने हुदा को उनके घर से लुंगी और टी-शर्ट में ही हिरासत में लिया। जिसके बाद भीड़ ने उन पर हमला किया। इस घटना की सोशल मीडिया पर जमकर निंदा हो रही है। और कई लोग इसे बांग्लादेश में बढ़ती अराजकता का प्रतीक मान रहे हैं।


शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के सत्ता से बेदखल होने के बाद से बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ गई है। कई अवामी लीग नेता या तो गिरफ्तार किए गए हैं या देश छोड़कर भाग गए हैं। वर्तमान मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने अगले साल अप्रैल में निष्पक्ष चुनाव कराने की घोषणा की है। साथ ही सरकार ने हमले की निंदा की और कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।

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