बांग्लादेश : इस्कॉन के चिन्मय प्रभु गिरफ्तार, देशद्रोह का केस, उनकी रिहाई के लिए कई जिलों में प्रदर्शन

अंतरराष्ट्रीय

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले और अत्याचार की एक अन्य कड़ी में ISKCON के धर्मगुरु, चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को ढाका पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उन पर देशद्रोह और राष्ट्रीय ध्वज को अपमानित करने का आरोप लगाया गया है। उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ वहां प्रदर्शन शुरू हो गए हैं और उन्हें रिहा करने की मांग की जा रही है। दूसरी ओर इस्कॉन ने भारत सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। चिन्मय प्रभु को चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर होने वाले हमलों के विरोध में बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था, जिसके चलते देश के कट्टरपंथी उनसे नाराज चल रहे थे। ढाका पुलिस की जासूसी शाखा ने चिन्मय दास को गिरफ्तार किया है। उन्हें पुलिस ने सोमवार को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के इलाके से उठाया और ले गए। पुलिस की खुफिया शाखा के प्रवक्ता रेजाउल करीम के अनुसार दास को पुलिस के अनुरोध पर हिरासत में लिया गया। उन्होंने बताया कि दास को अब आगामी कानूनी प्रक्रिया के लिए संबंधित थाने को सौंप दिया गया है। हालांकि उन्होंने उन आरोपों का विवरण नहीं दिया, जिसके लिए उन्हें गिरफ्तार किया गया। मौके पर मौजूद इस्कॉन के सदस्यों का कहना है कि पुलिस ने कोई गिरफ्तारी वारंट नहीं दिखाया। उन्होंने बस इतना कहा कि वे बात करना चाहते हैं। इसके बाद वो उन्हें वाहन में बैठाकर ले गए।

चिन्मय दास की तत्काल रिहाई की मांग को लेकर हिंदू समुदाय के सैकड़ों लोग बंदरगाह शहर के चेरागी पहाड़ चौराहे पर सड़कों पर उतर आए। राजधानी में हिंदू समुदाय के लोगों ने गिरफ्तारी के विरोध में देर शाम कई चौराहों पर जाम लगा दिया। सोमवार देर शाम इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुए कई वीडियो में बांग्लादेशी पुलिसकर्मियों को चेरागी चौराहे की ओर मार्च कर रहे प्रदर्शनकारियों को निशाना बनाते हुए दिखाया गया। सूचना और प्रसारण मंत्रालय की वरिष्ठ सलाहकार कंचन गुप्ता ने हिंसक हमलों के बाद खून से लथपथ एक हिंदू प्रदर्शनकारी की तस्वीर भी पोस्ट की। ढाका यूनिवर्सिटी के जगन्नाथ हॉल में चिन्मय प्रभु की रिहाई के लिए प्रदर्शन कर रहे हिंदुओं पर हमला किया गया। खुद को छात्र बताने वाले हमलावरों ने हिंदुओं पर लाठी-डंडे से हमला कर उन्हें तितर-बितर कर दिया। जिस जगह हिंदुओं पर हमला किया गया वो इलाका शाहबाग पुलिस स्टेशन से सिर्फ 30 मीटर दूर है।

अंतरराष्ट्रीय संगठन इस्कॉन ने चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी की निंदा की है और भारत सरकार से दखल की गुजारिश की है। इस्कॉन ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘हमें परेशान करने वाली खबरें मिली हैं कि इस्कॉन बांग्लादेश के प्रमुख नेताओं में से एक श्री चिन्मय कृष्ण दास को ढाका पुलिस ने हिरासत में लिया है। इस्कॉन, भारत सरकार से तत्काल कदम उठाने और बांग्लादेश सरकार से बात करने और यह बताने का आग्रह करता है।’ इस्कॉन का यह भी कहना है कि बेबुनियाद आरोप लगाना अपमानजनक है। इस्कॉन का दुनिया में कहीं भी आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं है। इस्कॉन के अनुसार हम चाहते हैं कि बांग्लादेश सरकार चिन्मय कृष्ण दास को तुरंत रिहा करे। इन भक्तों की सुरक्षा के लिए हम भगवान कृष्ण से प्रार्थना करते हैं। बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद ने भी उनकी गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कहा कि इससे विदेशों में देश की छवि खराब होगी।