इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की डेडलाइन (ITR deadline) समाप्त हो चुकी है. इनकम टैक्स इंडिया के अनुसार, 31 जुलाई के रात 11 बजे तक कुल 5.78 करोड़ टैक्सपेयर्स ने अपना ITR दाखिल कर दिया था. लेकिन ITR फाइल करने भर से ही काम समाप्त नहीं होने वाला है. इसके बाद टैक्सपेयर्स को अपने ITR का वेरिफिकेशन भी कराना पड़ता है. इनकम टैक्स रिटर्न वेरिफिकेशन (ITR Verification) से जुड़ा एक बदलाव हुआ है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने आईटीआर वेरिफिकेशन के समय सीमा को कम कर दिया है.
30 दिन के भीतर करें ये काम
CBDT के अनुसार, ITR वेरिफिकेशन कराने के लिए अब 120 दिन की जगह 30 दिन ही मिलेंगे. CBDT ने अपने एक नोटिफिकेश में इस बात की जानकारी दी है. ITR फाइल करने के बाद इसका वेरिफिकेशन जरूरी है. इसके बिना प्रक्रिया पूरी नहीं होती है. CBDT के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि ITR भरने के 30 दिनों के भीतरे इसे वेरिफाई कराना होगा. अगर इस अवधि की बाद कोई वेरिफिकेशन करता है, तो वह मान्य नहीं होगा. ऐसी स्थिति में टैक्सपेर्स का नाम ITR फाइल नहीं करने वालों की लिस्ट में जुड़ जाएगा.
किस पर लागू है ये नियम
नोटिफिकेशन में कहा गया है कि अगर ITR डेटा को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ट्रांसफर करने के 30 दिन के भीतर ITR का वेरिफिकेशन सबमिट किया जाता है, इस स्थिति में ही डेटा ट्रांसफर की तारीख को रिटर्न भरने की तारीख मानी जाएगी. इसको लेकर विभाघ ने साफ कर दिया है कि इस नोटिफिकेशन के आने के पहले जिन लोगों ने रिटर्न फाइल कर दिया था, उनके लिए 120 दिन की अवधि लागू रहेगी. लेकिन जिसने 29 जुलाई के बाद ITR दाखिल किया है उस पर ये नियम लागू होंगे.
ऐसे करें ई-वेरिफिकेशन
29 जुलाई को ही CBDT ने इस नोटिफिकेशन को जारी किया था. CBDT का यह नियम ई-वेरिफिकेशन कराने वालों के लिए है. अगर कोई ITR वेरिफिकेशन समय पर नहीं कर पाता है, तो मान लिया जाएगा कि उसने ITR दाखिल नहीं किया था.
इसके बाद टैक्सपेयर्स को फिर से अपने डेटा को सबमिट करना होगा और 30 दिनों के भीतर वेरिफाई कराना होगा. नेट बैंकिंग, आधार ओटीपी, बैंक अकाउंट, एटीएम, से ITR वेरिफाई करा सकते हैं. 31 जुलाई के बाद ITR फाइल करने वालों को लेट फाइन देना पड़ेगा.