संसद में विनम्रता से बोले भज्जी, ‘हर सिख की भावनाएं हुईं आहत’; सभी ने बजाई तालियां

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Harbhajan Singh in Rajyasabha: AAP सांसद हरभजन सिंह ने राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान अफगानिस्तान का मुद्दा उठाया. इसमें उन्होंने अफगानिस्तान में सिखों और गुरुद्वारों पर हमले की बात कही साथ ही उन्होंने सरकार से इस ओर ध्यान देने की भी अपील की. संसद में बोलते वक्त हरभजन सिंह हाथ जोड़ते हुए दिखे.

भज्जी ने कहा कि गुरुद्वारों पर किए गए इन हमलों ने दुनिया में हर सिख की भावनाओं को आहत किया है. साथ ही बोलीं कि हमें क्यों निशाना बनाया जा रहा है? इस तरह के हमले हमें कई सवाल करने पर मजबूर कर देते हैं कि ये हमले हमारे ऊपर ही क्यों? क्यों हमें ही निशाना बनाया जा रहा है. हरभजन के सवाल खत्म करने के बाद स्पीकर वेंकैया नायडू ने उनकी तारीफ की. इस पर सांसदों ने तालियां बजाईं.

उन्होंने कहा कि दुनिया भर में कोविड काल में गुरुद्वारों ने ऑक्सीजन से ले कर दवा और भोजन तक, हर जरूरत पूरी की है. उन्होंने कहा कि देश की स्वाधीनता से ले कर आजादी के बाद तक, हर क्षेत्र में सिख अपनी बहादुरी, मेहनत, साहस के लिए जाने जाते हैं. ऐसे में हमारे गुरुद्वारों पर किए गए हमले हमें आहत करते हैं.

भज्जी ने कहा कि 18 जून को काबुल में गुरुद्वारा कार्ते परवन में हमला हुआ जिसमें दो लोगों की मौत हुई और कई घायल हो गए. उन्होंने कहा कि इससे पहले 25 मार्च को रायसाहब गुरुद्वारे पर हमला हुआ, दो दिन बाद इसी गुरूद्वारे पर पुनः हमला हुआ. इन हमलों में भी लोग मारे गए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि 1980 के दशक में दो लाख से ज्यादा हिंदू और सिख अफगानिस्तान में रहते थे लेकिन अब यह संख्या बहुत कम हो हो गई है.

इससे पहले हरभजन सिंह ने सदन में कहा कि अफगानिस्तान कभी हजारों सिखों का गढ़ था. दशकों के संघर्ष के कारण यह संख्या कम होकर मुट्ठी भर रह गई है. हरभजन सिंह ने कहा कि 1980 के दशक में अफगानिस्तान में 2.20 हजार सिख और हिंदू रहते थे. 1990 के दशक की शुरुआत में यह आंकड़ा गिरकर 15 हजार पहुंच गया और 2016 में कम होकर 1350 हो गया है. उन्होंने कहा कि अब वहां करीब 150 सिख ही बच गए हैं.

इसके बाद सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि हरभजन सिंह आपने अच्छा मुद्दा उठाया. नायडू ने कहा कि हरभजन सिंह जाने माने क्रिकेटर हैं. इन्होंने जो विषय उठाया है वो महत्वपूर्ण है. मेरे ख्याल से विदेश मंत्री इसपर जरूर ध्यान देंगे.