मुस्लिम समाज के लोग घर-घर जाकर रामलला का न्योता दे रहे हैं। जय श्रीराम के नारे लगाते हुए पुरुषों के साथ महिलाएं और युवतियां हाथों में अक्षत चावल लेकर लोगों से 22 जनवरी को अयोध्या जाने की अपील कर रहे हैं।
भिलाई में इस टोली का नेतृत्व कर रहे अकबर खान का मकसद भाई-चारे का संदेश देना है। उनके मुताबिक राम सबके आदर्श हैं। मुझे मुस्लिम होने पर तो गर्व है लेकिन उससे बढ़कर इस बात पर नाज है कि श्रीराम के लिए कुछ काम आ पाया। उन्होंने दुनियाभर के मुसलमानों से अपील की है कि धर्म की दूरियां छोड़कर इस कार्यक्रम में जरूर भाग लें।
अकबर खान के मुताबिक कुछ असामाजिक लोगों ने दोनों धर्म के लोगों को बांटने का प्रयास किया। राम और रहीम दोनों एक हैं इन्हें अलग नहीं किया जा सकता है। जब हिंदू मजार में माथा टेक सकता है तो मुस्लिम मंदिर क्यों नहीं जा सकता। हमारे मोहल्ले की महिलाओं की भी यही सोच है। इसलिए वो सब मिलकर हाथों में अक्षत चावल लेकर रामलला के दर्शन का न्योता बांट रही हैं।
कैंप एरिया की निवासी ई-भवानी भवानी कहती हैं कि मोहल्ले में हम सभी धर्मों का त्योहार मिलकर मनाते हैं। दोनों धर्मों के बीच जो भेदभाव फैलाया जा रहा है उसे दूर करने की जरूरत है। सभी महिलाओं ने रघुपति राघव राजा राम, ईश्वर अल्ला तेरो नाम का गाना भी गाया। उन्होंने कहा कि इस गीत में हमें बताया गया है कि ईश्वर और अल्ला एक ही शक्ति के दो अलग-अलग नाम हैं। इसलिए हिंदू और मुस्लिम दो अलग-अलग कैसे हो सकते हैं।