ट्रंप के जीतते ही बाइडन को आई बांग्लादेश के हिंदुओं की याद, यूनुस सरकार को सख्त संदेश

अंतरराष्ट्रीय

वॉइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी तय होते ही बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गई लगती है। अब तक खुलकर सपोर्ट दे रहे बाइडन प्रशासन ने भी यूनुस से मुंह मोड़ना शुरू कर दिया है। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर चुप्पी साधे रहे अमेरिका ने अब पहला बार इस मामले पर बड़ा बयान दिया है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका चाहता है कि बांग्लादेश में धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान हो और किसी भी हमले के लिए जवाबदेही हो।

मिलर ने कहा, ‘हमने बांग्लादेशी अधिकारियों के साथ अपनी चर्चा में साफ कर दिया है कि हम धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान देखना चाहते हैं।’ मिलर ने कहा कि वे चाहते हैं कि किसी भी हमले के लिए बांग्लादेशी कानून के तहत लोगों को जिम्मेदार ठहराया जाए। उन्होंने कहा कि यह स्थिति न केवल बांग्लादेश पर बल्किन दुनिया के किसी भी देश पर लागू होती है।

बांग्लादेश पर बाइडन प्रशासन का बयान तब आया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद डोनाल्ड ट्रंप की वॉइट हाउस में वापसी तय हो गई है। डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव से पहले दिवाली के मौके पर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों की तीखी निंदा की थी। ट्रंप अमेरिका के पहले बड़े नेता थे, जिन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार को लेकर बयान दिया था। ट्रंप ने इसके लिए बाइडन प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया था।

ट्रंप ने कहा था, ‘मैं हिंदुओं, ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ बर्बर हिंसा की कड़ी निंदा करता हूं, जिन पर बांग्लादेश में भीड़ द्वारा हमला किया जा रहा है और लूटपाट की जा रही है, जहां पूरी तरह अराजकता की स्थिति बनी हुई है।’ उन्होंने अपनी प्रतिद्वंदी डेमोक्रेटिक पार्टी उम्मीदवार कमला हैरिस और राष्ट्रपति जो बाइडेन पर दुनिया भर में हिंदुओं की दुर्दशा की अनदेखी करने का आरोप लगाया और हिंदू अमेरिकियों की रक्षा करने का वादा किया। उन्होंने लिखा, ‘मेरे रहते ऐसा कभी नहीं होता। कमला और जो ने दुनिया भर और अमेरिका में हिंदुओं की अनदेखी की है।’