कोलकाता हाईकोर्ट ने अभिनेता और बीजेपी नेता परेश रावल को सोमवार को बड़ी राहत दी. कोर्ट ने गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान बंगालियों को बांग्लादेशी और रोहिंग्या कहने के आरोप में रावल के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने का आदेश दिया है. इससे पहले हाईकोर्ट ने कोलकाता पुलिस को अभिनेता के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया था.
गुजरात चुनाव से पहले वलसाड जिले में एक रैली में रावल ने कहा था कि गैस सिलेंडर महंगे हैं, लेकिन उसकी कीमतें कम हो जाएंगी. लोग रोजगार भी पा जाएंगे, लेकिन क्या होगा यदि रोहिंग्या प्रवासी और बांग्लादेशी आपके आसपास रहना शुरू कर दें जैसा कि दिल्ली में है? आप गैस सिलेंडर का क्या करेंगे? बंगालियों के लिए मछली पकाएंगे?
CPIM नेता ने दर्ज कराया था मामला
परेश रावल के खिलाफ सीपीआईएम नेता एमडी सलीम ने कोलकाता के तलातला में मामला दर्ज कराया था. जिस पर कोलकाता पुलिस ने उन्हें समन भेजा था, लेकिन वह पेश नहीं हुए. बाद में, रावल ने समन और केस के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
हाईकोर्ट के जस्टिस राजशेखर मैंथा ने परेश रावल के खिलाफ दर्ज केस खारिज करने का फैसला सुनाया. इस दौरान उन्होंने कहा कि परेश रावल ने गुजराती भाषा में ये बयान दिया था. इसके बाद उन्होंने ट्वीट करके माफी भी मांगी थी. कोर्ट ने परेश रावल के खिलाफ सभी जांच बंद करने का आदेश दिया.
पिछली सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता के वकील से कोर्ट ने पूछा था कि क्या मौजूदा स्थिति में पूरे मामले को देखने के बाद भी इस शिकायत को बनाए रखने की कोई आवश्यकता है. इसके जवाब में शिकायतकर्ता के वकील ने कहा था कि जो कोर्ट को इस मामले में ठीक लगे, वो वही करे. इसके बाद हाईकोर्ट ने परेश रावल के खिलाफ FIR रद्द करने का आदेश दिया.