रायपुर में बाइक चोर गिरोह का खुलासा

क्षेत्रीय

छत्तीसगढ़, ओडिशा और तेलंगाना के नक्सलियों का राजधानी में पकड़े गए बाइक चोर गैंग से नेटवर्क का खुलासा हुआ है। नक्सली जंगल से बाजार और दूसरे राज्यों में आने जाने के लिए अब बाइक का उपयोग कर रहे हैं। बाइक के अलावा उनके पास ट्रैक्टर और पिकअप होने का भी इनपुट है।

इन गाड़ियों में भेष बदलकर नक्सली बाजार भी आते हैं। बड़े नेताओं को बस्तर से सटे दूसरे राज्यों की सीमा में पहुंचाने के लिए भी बाइक का उपयोग किया जा रहा है। नक्सली अपने सहयोगियों के नाम पर गाड़ियां खरीदते हैं। अब चोरी की गाड़ियों के उपयोग का भी पता चला है। नक्सली एक गाड़ी की नंबर प्लेट से कई गाड़ियों को चला रहे हैं। पैसे बचाने के लिए चोरी की गाड़ियां खरीदी जा रही हैं।

पुलिस और खुफिया विंग को अब तक पकड़े गए या सरेंडर नक्सली से जो इनपुट मिले हैं, उसके अनुसार नक्सलियों की बटालियन में पिकअप और ट्रैक्टर जैसे वाहन हैं। हर बटालियन में औसतन 6 बाइक रखी जा रही है। नक्सलियों के डिवीजन स्तर की कमेटी में 4-4 बाइक रखी जा रही है।

पुलिस और खुफिया विंग के पास पक्की सूचना है कि नक्सली पहले जंगलों के भीतर पैदल ही चला करते थे, लेकिन अब उन्होंने बाइक का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। यही वजह है कि माओवादियों के बटालियन और डिवीजन जैसे हर स्तर पर बाइक रखी जा रही है। बाइक से बाजार या कस्बाई इलाके में पहुंचने के लिए नक्सली बाकायदा अपना हुलिया बदल लेते हैं।

बाजार में मारे गए नक्सल दंपति बाइक से ही पहुंचे थे
नारायणपुर पुलिस ने 8 जून को भेज्जी और दतेशपुरम के बीच नक्सली कमांडर और उसकी पत्नी को मुठभेड़ में मार गिराया था। दोनों बाइक से बाजार पहुंचे थे, मुखबिर की सूचना पर पकड़े गए। मौके से बाइक जब्त हुई, लेकिन नंबर गलत था। इस बाइक का कोई रिकार्ड ही नहीं मिला। पुलिस के मुताबिक इंजन-चेसिस नंबर तक नहीं था। तब भी आशंका थी कि नक्सलियों को चोरी की बाइक जंगलों में पहुंचाकर दी जा रही हैं।

तस्करी में कर रहे उपयोग
ओडिशा, बिहार और झारखंड में नक्सली के अलावा तस्कर भी छत्तीसगढ़ की गाड़ियों का उपयोग कर रहे हैं। शराब से लेकर गांजा तस्कर चोरी की गाड़ियां आधा दाम में खरीदते हैं। फिर इन गाड़ियों से तस्करी करते हैं। ओडिशा पुलिस ने कई बार गांजा तस्करों से छत्तीसगढ़ की चोरी की बाइक जब्त की है। झारखंड में भी पुलिस तस्करों से गाड़ियां जब्त कर चुकी है। पुलिस के अनुसार ज्यादातर गैरकानूनी काम में चोरी की गाडियों का उपयोग किया जाता है।

रायपुर में रोज बाइक की चोरी
एएसपी अभिषेक माहेश्वरी ने बताया कि राजधानी में रोज बाइक, मोपेड चोरी हो रहे हैं। स्पेशल टीम ने ओडिशा के दो लोगों को पकड़ा था, जिससे अहम क्लू और दूसरे गिरोहों की जानकारी मिली। इसके बाद ओडिशा के कालाहांडी, मलकानगिरी और बलांगीर समेत कई जगह छापे मारे गए। आरोपियों ने धुर नक्सली इलाके में भी आधा दर्जन से ज्यादा बाइक बेचना कबूल किया है। दोनों गिरोह से 50 गाड़ियां जब्त हुई हैं, जबकि चोरी ज्यादा हुई हैं।

ले जाते हैं विस्फोटक
जंगल में विस्फोटक ले जाने के लिए बाइक-मोपेड का उपयोग किया जाता है। इसमें विस्फोटक, बैटरी, तार और अन्य सामान ले जाते है। जंगल के कच्चे रास्ते में बाइक आसानी से चलती है। इससे नक्सलियों को दिक्कत नहीं होती है।

दोपहिया दे रहे नक्सली
“पुलिस के पास खुफिया सूचनाएं हैं कि नक्सली जंगल में दोपहिया तथा कुछ फोर व्हीलर का इस्तेमाल भी कर रहे हैं। वे अपने सहयोगियों के नाम गाड़ी खरीदकर उन्हीं को उपयोग के लिए दे रहे हैं।”